फर्जी रिश्तों का व्यापार: शादी नहीं, ठगी का धंधा

भारत में शादियों को लेकर एक सांस्कृतिक उत्सव, पारिवारिक प्रतिष्ठा और भावनात्मक जुड़ाव की भावना जुड़ी होती है। लेकिन जब इस पवित्र रिश्ते को ठगों का व्यवसाय बना दिया जाए, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे समाज के विश्वास की हत्या होती है। हरियाणा के हिसार से सामने आया ताज़ा मामला इसी सामाजिक बीमारी की खतरनाक तस्वीर पेश करता है — जहाँ दुल्हन, उसके माता-पिता और पूरा रिश्ता ही नकली निकला। यह घटना सिर्फ एक समाचार नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है: “अब भी नहीं चेते तो हर घर को अपनी आबरू खुद बचानी होगी।”

हिसार पुलिस ने हाल ही में ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो विवाह के नाम पर लोगों को ठगने का सुनियोजित कारोबार चला रहा था। आरोपी पहले से कई फर्जी शादियाँ कर चुका था। इस बार, न केवल दुल्हन नकली थी, बल्कि उसके ‘माता-पिता’ भी फर्जी निकले। एक भोला-भाला युवक, जो जीवनसाथी की तलाश में था, शादी के सपने लिए इस जाल में फँस गया और लौटे तो खाली जेब, टूटी उम्मीदें और गहरी मानसिक चोट के साथ।

Noida, India- April 12, 2024: Noida Police along with Border Security Force (BSF) personnel during a flag march in the view of the upcoming Lok Sabha elections in sector 31, in Noida, India, on Friday, April 12, 2024. (Photo by Sunil Ghosh / Hindustan Times)

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, हर साल भारत में हजारों लोग विवाह के नाम पर ठगी का शिकार होते हैं। 2023 में ही देशभर में लगभग 3200 से अधिक फर्जी विवाह और उनसे जुड़ी ठगी की शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से अधिकांश में महिला और उसके तथाकथित परिजनों ने विवाह के बाद धन, जेवर और नकद लेकर फरार होने की योजना पहले से बनाई होती है। इस बढ़ती प्रवृत्ति का सबसे दुखद पहलू यह है कि ऐसे अपराधों में शामिल महिलाएं न केवल कानून का मजाक उड़ाती हैं, बल्कि असल में शोषित और ज़रूरतमंद महिलाओं की आवाज को भी कमजोर करती हैं।