बस्ती: महुआ डाबर से शुरू होगा ‘शौर्यनामा’ महाअभियान, क्रांति स्थल पर जुटेंगे क्रांतिकारियों के वंशज

बस्ती जनपद के बहादुरपुर ब्लॉक स्थित ऐतिहासिक महुआ डाबर से आगामी 10 जून को ‘शौर्यनामा’ महाअभियान का शुभारंभ होने जा रहा है। इसकी औपचारिक शुरुआत के पहले बृहस्पतिवार को इसका पोस्टर जारी किया गया। ‘शौर्यनामा’ उद्घाटन समारोह में स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और क्रांतिकारियों के वंशजों के साथ देशभर से इतिहासकार, बुद्धिजीवी, सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता, किसान, छात्र-नौजवान, शिक्षक, पत्रकार, वकील और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इस अभियान का उद्देश्य महुआ डाबर की क्रांतिकारी विरासत को राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा बनाना और नई पीढ़ी को इसके गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित कराना है। महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि 10 जून 2025 को दोपहर 3 बजे शहीद अशफाक उल्ला खां स्मृति द्वार से क्रांतिकारी वंशजों का स्वागत कर उन्हें श्रद्धापूर्वक क्रांति स्थल तक लाया जाएगा। उद्घाटन समारोह में देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वतंत्रता संग्राम की दुर्लभ धरोहरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

मुख्य वक्ताओं में 1857 पर शोध कर रहे विद्वान देव कबीर, अशफाक उल्ला खां के पौत्र शादाब उल्ला खां, क्रांतिवीर डॉ. गया प्रसाद के पुत्र क्रांति कुमार कटियार, शहीद शोध संस्थान के निदेशक सूर्यकांत पांडेय, शहीद गुलजार खां के वंशज डॉ. मोहम्मद इरफान खान, क्रांतिकारी विचारक अविनाश गुप्ता आदि शामिल होंगे। कार्यक्रम का संचालन अभिनेता और रंगकर्मी रफी खान करेंगे।

डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि महुआ डाबर की धरती ने 10 जून 1857 को ब्रिटिश सत्ता की नींव हिला दी थी। जफर अली के नेतृत्व में रणबांकुरों ने मनोरमा नदी पार कर रहे अंग्रेज अफसरों पर हमला कर कई को मार गिराया था। इसके बाद अंग्रेजों ने 3 जुलाई 1857 को बस्ती में मार्शल लॉ लागू कर, महुआ डाबर को घेरकर जला दिया और ‘गैरचिरागी’ घोषित कर दिया। 18 फरवरी 1858 को गुलाम खान, गुलजार खान पठान, नेहाल खान पठान, घीसा खान पठान, और बदलू खान पठान को फांसी दे दी गई।

लेकिन क्रांतिकारियों का प्रतिशोध भी तेज था। पिरई खां और उनके साथियों ने 21 मई 1858 को पेपे विलियम्स पर हमला किया, और 12 जून 1859 को किए गए अंतिम हमले में पेपे घायल होकर लंदन भागने को मजबूर हो गया।

इस ऐतिहासिक संघर्ष की स्मृति को सहेजने के लिए 1999 में महुआ डाबर संग्रहालय की स्थापना की गई, जहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े दस्तावेज, पत्र, गजेटियर, सिक्के, औजार, तस्वीरें, पांडुलिपियां, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, फिल्में और मुकदमे की फाइलें संरक्षित हैं।

‘शौर्यनामा’ महाअभियान 10 जून 2025 से 10 जून 2026 तक चलेगा और इसमें हैरिटेज वॉक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक, सलामी रैली, कविता पाठ, स्पीच-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का सम्मान, किस्सागोई, फिल्म प्रदर्शन, मेधावी छात्रों का सम्मान, पोस्टर-पेंटिंग प्रतियोगिता, खेलकूद, वीडियो मेकिंग, ऐतिहासिक प्रदर्शनी, स्वास्थ्य-शैक्षणिक व विधिक शिविर, पौधारोपण, रक्तदान, शोधार्थी सम्मेलन और पुस्तक प्रकाशन जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।

डॉ. राना ने बताया कि इस गौरवगाथा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 10 जून को सलामी गारद के लिए जिलाधिकारी से, चिकित्सकीय सेवा के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से निवेदन किया गया है। कार्यक्रम की सफलता के लिए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।