समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया. वे 94 साल के थे. शफीकुर्रहमान बर्क काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और मुरादाबाद के एक अस्पताल में एडमिट थे. पिछले दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे मिलने अस्पताल भी गए थे. आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें संभल से प्रत्याशी भी बनाया था.
शफीकुर्रहमान लोकसभा में सबसे बुजुर्ग सांसद थे. शफीकुर्रहमान बर्क चार बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं. उन्होंने पहली बार समाजवादी पार्टी की टिकट पर 1996 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. वहीं, वह 2014 के मोदी लहर में भी बर्क बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी.
अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले शफीकुर्रहमान बर्क़ मुसलमानों के मसीहा बनकर हमेशा रहे. शफीकुर्रहमान के बेटे भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक हैं. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन पर मुरादाबाद से सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने कहा, ” बड़े अफसोस कि बात है. मुझे अभी पता चला है कि जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब हमारे बीच नही रहे. उनका इंतकाल हम सबके लिए, हमारी पार्टी का बहुत बड़ा नुकसान है. देश से एक बहुत बड़ा नेता इस दुनिया से रुख़सत हो गया. जिसने कभी किसी से डर के काम नहीं किया. शायद इतने बहादुर और ईमानदार नेता पूरे मुल्क के अंदर बहुत कम रह गए हैं.