इजराइल और हमास जंग के बीच चीन ने अपना एक दूत पश्चिम एशिया भेजा है और इसके साथ ही उसने इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के संकेत दिए हैं। चीन के विशेष दूत झाई जुन ने इजराइल-हमास संघर्ष विराम पर जोर डालने के लिए अपनी प्रारंभिक बैठकों में कतर में रूस के अपने समकक्ष के साथ मुलाकात की। चीन और रूस ने पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति पर अपने रूख स्पष्ट किए हैं जो अमेरिकी रूख से भिन्न है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘‘पश्चिम एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में विभिन्न संकटों के राजनीतिक समाधान के लिए समन्वित प्रयास के प्रति दृढता से काम करने का निश्चय दोहराया है।”
चीन की नजर में अमेरिका का रूख इजराइल के पक्ष में है। चीन ने कहा कि वह नागरिकों पर हमले की निंदा करता है लेकिन हमास के जिस शुरुआती हमले की वजह से यह लड़ाई भड़की, उसकी उसने निंदा नहीं की है। इसके बजाय, चीन ने तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया क्योंकि इजराइल जमीनी आक्रमण से पहले गाजा पर बमों की बारिश कर रहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमारा मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बड़े मुद्दों को संभालने के दौरान बड़ी शक्तियों को वस्तुनिष्ठ एवं निष्पक्ष होना चाहिए।” विश्लेषकों का कहना है कि चीन मध्यस्थ के रूप में अपने आप को स्थापित करना तथा इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है क्योंकि अमेरिका का वैश्विक ध्यान अन्यत्र है। लेकिन हाल की गाजा लड़ाई के बाद अमेरिका की सक्रियता फिर इस क्षेत्र में बढ़ गयी है तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसी सप्ताह इजराइल की यात्रा की।