सुप्रीम कोर्ट ने बाबा राम देव को लगाई जमकर भटकर, जल्द हो सकती है

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दूसरी बार माफीनामा को खारिज कर दिया है। साथ ही कड़ी कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहने के लिए कहा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि उनकी हरकतें शीर्ष अदालत के आदेशों का “जानबूझकर और बार-बार उल्लंघन” करने जैसी थीं।

शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति भी कड़ी नाराजगी जताई। रामदेव और बालकृष्ण ने अपने औषधीय उत्पादों के असर के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले विज्ञापनों को लेकर उच्चतम न्यायालय में ‘‘बिना शर्त माफी”मांगी है। उच्चतम न्यायालय में दाखिल दो अलग-अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज ‘‘बयान के उल्लंघन” के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।