राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने अब तक जो प्रयास किए हैं, वो नाकाफी हैं और ये प्रयास बहुत देर से शुरू किए गए.
कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या आपको पता है कि दिल्ली में श्मशान गृहों में इतनी स्थिति खराब है कि शवों को रात को भी जलाया जा रहा है?
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि शादी समारोहों में आपने 200 लोगों तक को एकसाथ इकट्ठा होने की इजाजत दे दी जबकि कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा था.
आपने कल बुधवार को आदेश जारी किया है कि शादी समारोह में अब यह संख्या 200 से घटाकर 50 की जा रही है. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए आपके प्रयास तब शुरू हुए जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले में एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है जिसमें यह बताया जाए कि आईसीयू बेड को बढ़ाने के लिए अब तक क्या किया गया है.
दिल्ली सरकार को रिपोर्ट दायर कर कोर्ट को यह भी बताना होगा कि उसने ऐसे लोगों के लिए क्या व्यवस्थाएं कर रखी हैं जो संकुचित जगहों पर रहते हैं और कोरोना संक्रमित होने के बाद सेल्फ आइसोलेशन के लिए उनके पास पर्याप्त जगह नहीं है.
रात में शवों को जलाया जा रहा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के अब तक के प्रयासों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि क्या आपको अंदाजा है कि श्मशान गृह में रात को भी शवों को जलाया जा रहा है, स्थिति बहुत भयावह है. लिहाजा आपको इसको नियंत्रण में लाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन 33 निजी अस्पतालों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर डाले और उसका प्रचार करे, जिन्हें 80% ICU बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे जरूरत के वक्त लोगों को इसके लिए परेशान न होना पड़े.
दिल्ली सरकार से जब कोर्ट ने पूछा कि क्या कोविड के मरीजो को लेकर अस्पतालों में बेड पर्याप्त हैं तो दिल्ली सरकार ने बताया कि उनके पास बेड की पूरी व्यवस्था है, लेकिन फिलहाल ICU बेड की कमी है.
केंद्र सरकार ने उनको 750 बेड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया है कि वह कोरोना के लिए FELUDA टेस्ट को भी कराने पर विचार कर रहे हैं.
जब कोर्ट ने पूछा कि आप कोविड के मामलों को रोकने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं तो दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर अलग-अलग टीम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए लगाई गई हैं. इसके अलावा जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर जुर्माना भी किया गया है.
30 दिन में सिर्फ 5 गिरफ्तार
लेकिन कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन ना करने के लिए अब तक 30 दिनों के भीतर सिर्फ पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को कहा कि हमारे पास नियमों का पालन कराने के लिए एनफोर्सिंग एजेंसी के तौर पर सिर्फ दिल्ली पुलिस ही है.
134 टीम दिल्ली सरकार की तरफ से बनाई गई है जो नियमों का पालन नहीं करने वालों पर नजर रख रही हैं. इसके अलावा 119 वाहनों को भी लगाया गया है, जो जरूरत पड़ने पर एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा सकते हैं.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा कि पटाखों पर बैन लगाने से लेकर सार्वजनिक छठ पूजा तक को रोकने के प्रयास सिर्फ कोरोना के मामलों को लगातार बढ़ने से रोकने के मद्देनजर ही लिए गए हैं, लेकिन कोर्ट दिल्ली सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा.
फिलहाल कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए टाल दी है. कोरोना से जुड़े और मामलों की सुनवाई के लिए लगाई गई याचिकाओं पर भी दिल्ली हाईकोर्ट को 26 नवंबर को ही सुनवाई करनी है.