जाति आधारित जनगणना को लेकर सीएम नीतीश-तेजस्वी समेत 11 नेताओं ने की पीएम से मुलाकात

Nitish, Modi Underestimated Tejaswi's Capacity In Bihar? -

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद के तेजस्वी यादव, हम के जीतन राम मांझी और वीआईपी के मुकेश साहनी सहित 11 राजनीतिक दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना कराने के मुद्दे पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री के निर्णय का इंतजार…

नीतीश कुमार ने कहा, “प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बात सुनी। हमने पीएम से इस पर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया और उन्हें बताया कि कैसे राज्य विधानसभा में जाति जनगणना पर दो बार प्रस्ताव पारित किए गए हैं।” तो वहीं पीएम के साथ हुई बैठक के बाद, तेजस्वी यादव ने कहा, “हमारा प्रतिनिधिमंडल आज न केवल बिहार में बल्कि पूरे देश में जाति जनगणना के लिए पीएम से मिला। हम अभी इस पर निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।”

पहली बार नीतीश और तेजस्वी एक मंच पर!

दरअसल भाजपा को छोड़कर बिहार में सभी दलों ने 2021 की जनगणना में जाति संख्या गिनने की मांग की है। केंद्र सरकार ने जहां अब तक इस मांग को मानने से इनकार किया है, वहीं बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी समेत बीजेपी के कुछ नेताओं ने जनगणना का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर आगे चर्चा करने के लिए नीतीश कुमार बिहार से 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह भी पहली बार होगा जब नीतीश और तेजस्वी एक मंच साझा करेंगे।

पहले कब हुई थी जाति आधारित जनगणना

पिछली जाति-आधारित जनगणना 1931 में हुई और जारी की गई थी। जबकि 1941 में, डेटा एकत्र किया गया था लेकिन सार्वजनिक नहीं किया गया। 2011 में, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना की गई थी, लेकिन विसंगतियों के आधार पर एकत्र किए गए इस डेटा को भी सार्वजनिक नहीं किया गया था। अगले साल सात राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जाति आधारित जनगणना कराना सरकार के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है। जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर कई राजनीतिक दल एक साथ आए हैं। फिलहाल ऐसा लगता है कि जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर भाजपा असमंजस में है।

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