साढ़े चार महीने में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई
नई दिल्ली। आठ साल की बच्ची के साथ बुलंदशहर में जो दरिंदगी हुई। उस मामले में आज फैसला आ चुका है। स्पेशल जज पोक्सो एक्ट के चलते पल्लवी अग्रवाल के द्वारा आरोपी को फांसी और अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
अगवा कर के किया दुष्कर्म
घर पर पानी पीने आई बालिका को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव को घर में ही गड्ढा खोदकर दबा दिया था। करीब साढ़े चार महीने में ही अदालत ने फैसला सुनाते हुए बच्ची के साथ इंसाफ कर दिया है।
परिजनों ने काफी तलाश की
जानकारी मिल रही है कि 25 फरवरी को अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की मूक बधिर बच्ची खेत में कार्य करने गई थी। बच्ची को प्यास लगी तो वह जंगल में बने एक मकान में लगे नल पर पानी पीने गई थी। वहीं से किशोरी का अपहरण किया। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन बच्ची नहीं मिल पाई। जिसके चलते बच्ची की गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
गड्ढे में दबा हुआ बच्ची का शव मिला
जब पुलिस ने खोजबीन की तो एक घर से गड्ढे में दबा हुआ बच्ची का शव मिला। जिसके बाद आरोपी हरेंद्र को भी गिरफ्तार किया गया। जांच करने पर पता लगा कि आरोपी हरेंद्र ने पहले बच्ची को अगवा किया। फिर दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी थी। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज पोक्सो एक्ट डॉ पल्लवी अग्रवाल के न्यायालय में हुई।
1.20 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा
गवाहों ने जो बयान दिए, साक्ष्यों का अवलोकन करके दोनों पक्षों के पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी हरेंद्र को दोषी पाया। आज न्यायाधीश ने हरेंद्र को फांसी और 1.20 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।