20 साल पहले हुआ था दुनिया का सबसे ख़तरनाक चरमपंथी हमला
नई दिल्ली। मनुष्यों के बीच बढ़ते प्रेम से चिढ़ खाने वाले आतंकवादियों ने आज ही के दिन 11 सितंबर 2001 को अपनी पहचान और मंसूबों को एक बार फिर दुनिया के सामने पटक दिया था। आज ही के दिन 20 साल पहले मंगलवार को चार विमान हाईजैक हुए और अमेरिका के अलग अलग हिस्सों में उड़ते बम बन दुनिया के 77 देशों के नागरिकों की मौत का सबब बने। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्लड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों (ट्विन टॉवर) पर गिरे दो विमान के अलावा आतंकवादियों ने बाकि के दो विमानों से कहां हमला किया था?
वर्लड ट्रेड सेंटर समेत पेंटागन पर हमला
पूर्वी अमेरिका में उस दिन चार यात्री विमानों को आत्मघाती हमलावरों ने हाइजैक किया था। इसके बाद उन्होंने इसका इस्तेमाल न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन की बेहद मशहूर इमारतों पर हमले के तौर पर किया। दो विमान न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों से टकराए। दो घंटों के अंदर 110 मंज़िली इमारत पूरी तरह से ढह गई और मलबे में तब्दील हो गई। थोड़ी देर बाद नौ बज कर 37 मिनट में तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर स्थित अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन से टकराया। जबकि चौथा विमान दस बज कर तीन मिनट में पेन्सेल्विनिया के मैदानों में क्रैश कर गया। माना जाता है कि इस विमान से चरमपंथी वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग पर हमला करने वाले थे। इन चार विमानों में कुल 246 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे, सबकी मौत हुई।
वर्लड ट्रेड सेंटर में मची दहशत
11 सितंबर 2001 को दो बोइंग 767 विमान न्यूयॉर्क की सबसे ऊंची 110 मंज़िला बिल्डिंग ट्विन टावर से टकराए। पहला विमान सुबह 8.45 बजे नॉर्थ टावर से टकराया। 102 मिनट तक इसमें आग धधकती रही और फिर 10.28 मिनट पर महज़ 11 सेकेंड में यह टावर ढह गया। पहले टावर से विमान टकराने के 18 मिनट बाद सुबह 09.03 बजे दूसरे ट्विन टावर से एक और विमान आकर टकराया। 56 मिनट तक यह टावर भी आग और धुंए से जूझता रहा, फिर अगले 9 सेकेंड में भरभरा कर गिर गया। वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दोनों इमारतों के गिरने से 2,606 लोगों की मौत हुई। हालांकि न्यूयॉर्क की वर्लड ट्रेड इमारतों को अब फ्रीडम टॉवर कहा जाता है। साथ ही अब उस जगह पर 9/11 मेमोरियल (स्मारक) बना दिया गया है।