लगातार 108 उपावसों के क्रम में ‘एलक’ श्री सुतत्व सागर जी का आज 99वां उपवास
अभय जैन । प्रतापगढ़/राजस्थान । प्रतापगढ़ की धरा पर वर्षायोगरत राष्ट्र गौरव, संयम भूषण, चतुर्थ पट्टाचार्य श्री सुनीलसागर जी गुरूराज के संघस्थ लघुनन्दन ‘एलक’ श्री सुतत्व सागर जी गुरुदेव अनवरत उपवासों की कठोर साधना कर रहे हैं।
जिनमें आज 3 अक्टूबर को उनका लगातार 99वां उपवास है।
पूज्य ‘एलक’ श्री सुतत्व सागर जी 108 उपवासों के महाव्रत को साधने पर आरूढ़ है। आचार्य श्री के संघ में हाल ही में कई साधुओं ने 72, 32 व 16 उपवासों की कठिन साधना साधी है।
एक बार में 1 से लेकर 108 तक गिनती करने में भी देर लगती है, किंतु इसी संख्या को उपवासों में परिवर्तित करना वास्तव में महान तपोकार्य है।
जिसकी कल्पना भी विस्मय उत्पन्न कर देती है। किंतु यह कठिन साधना एक जैन सन्त द्वारा बहुत ही आत्मीयता और शांतचित्त से पूर्ण की जा रही है।
ऐसे आश्चर्यकारी पवित्र तप से राजस्थान का प्रतापगढ़ क्षेत्र धन्य हो रहा है, जहां ऐसी पावन तपो वर्गणाएं संचारित हो रही हैं।
नमनकर्ता- श्री राष्ट्रीय जैन मित्र मंच भारत, श्री सुनील सागर युवासंघ भारत