देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी दर्ज की गई है. इसके साथ ही कोरोना के चलते हो रही नई मौतों में भी गिरावट आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को बताया कि पिछले पांच हफ्तों से औसत दैनिक नई मौतों में गिरावट देखी गई है. वहीं, कोरोना की रिकवरी दर लगातार बढ़कर अब 90.62 फीसद हो गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी बताया कि कोरोना से बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं. मंत्रालय ने कहा कि हम सोचते थे कि वो सुरक्षित हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मंत्रालय ने इसके लिए मिजोरम का हवाला दिया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मिजोरम में स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया था. लेकिन छात्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इन्हें अब बंद कर दिया गया है. ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि जिस तरह से मिजोरम में कोरोना के केस आए हैं, उससे पाया गया कि बच्चे भी कोरोना के सुपर स्प्रेडर हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 75,600 से अधिक टेस्ट किए गए हैं. पिछले 5 सप्ताह के औसत के आधार पर हम अभी भी प्रतिदिन 11 लाख टेस्ट करते हैं. राजेश भूषण ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 86 मौतें दर्ज की गई हैं. भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 5700 मामले सामने आए हैं.
‘यूरोप में बढ़ने लगे कोरोना के केस’
वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि यूरोप में फिर से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं. उन्होंने कहा कि इन देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले आई तबाही से भी कहीं ज्यादा बड़ी दिख रही है. लोगों पर बीमारी का संकट मंडरा रहा है. यहां महामारी एक बार फिर अपने चरम पर है. अमेरिका में तो लोग कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप झेल रहे हैं.
नीति आयोग ने वैक्सीन पर दी ये जानकारी
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि हमने अभी से ऐसी प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया है, जिससे आसानी से पता चल जाएगा कि किसे कोरोना की वैक्सीन मिली है और किसे नहीं और कितने लोगों तक वैक्सीन पहुंच गई है।
वीके पॉल ने कहा कि भारत की आबादी के हिसाब से इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा, कि वैक्सीन हर किसी तक पहुंचे. पहले चरण में उच्च जोखिम वर्ग को वैक्सीन दी जाएगी। इसमें स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे.
फ्री वैक्सीन पर उन्होंने कहा कि ये एक गतिशील परिदृश्य है, क्योंकि हमारे पास दुनिया में कोई भी एक टीका उपलब्ध नहीं है.
गठित समिति ही उत्पादन और वितरण पैमाने को देखेगी. कुल मिलाकर, हमने राज्यों से प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया है और हमें एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है.