ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच एक फर्जी तस्वीर को लेकर घमासान छिड़ गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चीन की सरकार से उस ‘फर्जी तस्वीर’ को ट्विटर से हटाने के लिए कहा है जिसमें एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक को अफगानी बच्चे की हत्या करते हुए दिखाया गया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से सोमवार को ये तस्वीर शेयर की थी.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था, ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के हाथों अफगान नागरिकों और कैदियों की हत्या से सदमे में हूं. ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच ये कहासुनी दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ही संकेत है. चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है लेकिन पिछले कुछ वक्त से दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर टकराव बढ़ा है. ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग की थी जिससे चीन बेहद खफा हो गया था. हॉन्ग कॉन्ग को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया ने चीन की रवैये की आलोचना की थी. इसके बाद, चीन ने भी ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने के मकसद से वहां की कई वस्तुओं का आयात या तो रोक दिया है या फिर भारी टैक्स लगा दिया है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन से माफी मांगने के लिए कहा. उन्होंने ट्विटर से पोस्ट हटाने की भी मांग की है. मॉरिसन ने कहा, ये काफी आपत्तिजनक है और किसी भी आधार पर इसका बचाव नहीं किया जा सकता है. चीन की सरकार को अपनी इस घिनौनी पोस्ट को लेकर शर्मिंदा होना चाहिए. ये पूरी दुनिया के सामने उनकी असलियत जाहिर करता है. ये एक फर्जी तस्वीर है और हमारी सेना और पिछले 100 सालों से इस वर्दी में देश की सेवा कर रहे लोगों का अपमान है.
दरअसल, 19 नवंबर को एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया है कि 39 अफगान नागरिकों और कैदियों की हत्या में ऑस्ट्रेलियाई सैनिक शामिल हैं. रिपोर्ट आने के बाद, ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस फोर्स ने 13 सैनिकों को बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा, फोर्स ने केंद्रीय पुलिस से कथित 36 युद्ध अपराधों की जांच करने के लिए कहा है.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम के बयान को लेकर भी चीन ने प्रतिक्रिया दी है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चुनयिंग ने ऑस्ट्रेलिया पर अफगानिस्तान में गंभीर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया मेरे साथी के निजी ट्वीट पर इतना ज्यादा रिएक्ट कर रहा है. क्या उनकी नजर में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों का अफगानिस्तान में मासूम लोगों की निर्मम हत्या करना सही है और इस घृणित अपराध की निंदा करना गलत है? उन्होंने आगे कहा, ऑस्ट्रेलिया की सरकार को ठीक से विचार करना चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए, ऑस्ट्रेलिया को अफगान लोगों से आधिकारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा करना चाहिए कि वो ऐसे भयावह अपराधों को दोबारा अंजाम नहीं देगा.
चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. इसी महीने, चीन ने कहा था कि रिश्तों में आई इस दरार के पीछे चीन की सरकार जिम्मेदार नहीं है बल्कि ऑस्ट्रेलिया के गलत कदमों की वजह से ऐसा हो रहा है. सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने भी ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव होने की बात स्वीकार की. हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे तनाव बढ़ाने वाले कदमों के बजाय बातचीत को ही जरिया बनाया जाना चाहिए. मॉरिसन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस घटना के बाद बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ समय से ट्रेड वॉर भी छिड़ा हुआ है. चीन ने पिछले हफ्ते ही ऑस्ट्रेलिया की वाइन पर भारी-भरकम टैक्स लगाने का ऐलान किया है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर टैक्स 107.1 फीसदी से लेकर 212.1 फीसदी तक हो सकता है. चीन ने नवंबर महीने से ऑस्ट्रेलिया के कोयला, चीनी, गेहूं, वाइन, कॉपर और लकड़ी के आयात पर भी अनाधिकारिक तौर पर बैन लगा दिया था. चीन ऑस्ट्रेलिया से जौ आयात पर 80 फीसदी टैरिफ लगा चुका है. इसके अलावा, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के चार मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स से बीफ आयात पर भी बैन लगा दिया है. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा निर्यात चीन को ही करता है, ऐसे में उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंच रहा है.