आगरा । किसान आंदोलन का उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति और डॉ. आंबेडकर बार एसोसिएशन ने समर्थन किया है। कृषि कानूनों के विरोध में अधिवक्ताओं ने शनिवार को न्यायिक कार्य नहीं किया।
इससे पूर्व उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति ने शुक्रवार को सभा की। इसमें किसान आंदोलन का समर्थन किया गया।
सभा में तीनों किसान कानूनों बिजली विधेयक और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर नया कानून लाने की पुरजोर मांग की गई।
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने और आंदोलन को बदनाम करने की निंदा की।
विरोध में अधिवक्ताओं द्वारा शनिवार को न्यायिक कार्य बहिष्कार के साथ-साथ दीवानी परिसर में प्रभात फेरी निकाल कर विरोध दर्ज किया।
इस संबंध में एक ज्ञापन जिला जज को दिया गया। सभा में संयोजक केडी शर्मा, संचालनकर्ता सचिव अरुण सोलंकी, सुरेंद्र लाखन, दुर्ग विजय सिंह भैया, राम दरबेश, केसी शर्मा, भारत सिंह, नासिर वारसी, संदीप यादव, केपी सिंह चौहान, रमेश चंद्र, सूरजभान भारती, बीपी ओझा रमाशंकर राजपूत आदि मौजूद रहे।
एलआईयू भी अलर्ट
किसान आंदोलन के लिए पुलिस का अलर्ट जारी किया गया है। शहर से लेकर देहात के थानों की पुलिस ने शुक्रवार को गांव-गांव में बैठक की। किसानों से वार्ता की गई।
उन्हें कृषि कानूनों का पाठ पढ़ाया। दिल्ली में 26 जनवरी को हुए बवाल के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है।
किसान नेता जगह-जगह बैठक करके आंदोलन में भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसको देखते हुए पुलिस का अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने जगह-जगह बैठक कीं।
किसानों से वार्ता की गई। उन्हें कृषि कानून के बारे में जानकारी दी गई। एलआईयू को भी अलर्ट किया गया है। वह अलग से निगाह बनाए हुए है।