समतामूलक चौक, गोमती रिवरफ्रंट के किनारे कुछ युवा वैलेंटाइन डे के अवसर पर पार्क में फैले कचरे को साफ करते दिखे
लखनऊ। रविवार को जहाँ एक तरफ सूबे की राजधानी मे वैलेंटाइन डे पर युवक युवतियाँ एक दूसरे से प्यार का इजहार कर रहे थे वहीं दूसरी ओर कुछ युवा शहर की गंदगी को ठिकाने लगा रहे थे। समतामूलक चौक पर गोमती रिवरफ्रंट के किनारे कुछ युवा वैलेंटाइन डे के अवसर पर पार्क में फैले कचरे को साफ कर रहे थे।
लगभग 8 युवाओं की टीम जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल थे वह पार्क में फैले कूड़े को साफ कर बोरियों में इकट्ठा कर रहे थे। प्रत्येक रविवार को इन युवाओं द्वारा शहर के किसी एक सार्वजनिक स्थल पर इसी तरह सफाई अभियान चलाया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने स्वच्छ भारत अभियान को लखनऊ के कुछ युवाओं ने मजबूती से धार देने का काम किया। जो काम लखनऊ नगर निगम को करना चाहिए वो काम कुछ युवा समाजसेवी संस्थाओं से जुड़कर अंजाम दे रहे हैं। समतामूलक चौक के पास रिवरफ्रंट के बगल में बने पार्क में कूड़े का अंबार लगा हुआ था जिसे इन युवाओं की टीम ने काफी हद तक साफ किया।
इन युवाओं की टीम के लीडर अलिंद अग्रवाल से हमने बात की दर्शन हमारी उत्सुकता यह जानने में थी कि 14 फरवरी के दिन इन युवाओं के हाथों में गुलाब की जगह झाड़ू और फावड़े क्यों हैं। अलिंद ने हमें बताया कि हम सभी लोग हर रविवार को इकट्ठा होकर प्रधानमंत्री मोदी के सपने स्वच्छ भारत को साकार करने में अपना थोड़ा सा योगदान देते हैं तो इस रविवार भी हमने ऐसा ही किया। अलिंद ने बताया कि 14 फरवरी के लिए हम भला अपने कर्म से पीछे कैसे हटाए क्योंकि अगर हमें स्वच्छ वातावरण में रहना है और खुली हवा में सांस लेनी है तो ये तो करना ही पड़ेगा। अलिंद कि इस टीम में अनंत, अरुणेंद्र, परमानंद, अंजली तिवारी, सुप्रिया सिंह सहित और भी कई युवा है।
जिम्मेदारों उन्हें नहीं दिखता पार्को मे पड़ा यह कचरा
अलिंद से जब बात की तो उसने कहा कि जो लोग इस कचरे को साफ करने की तनख्वाह सरकार से लेते हैं उन्हें इस इतने बड़े और मशहूर चौराहे पर किनारे पर बने हैं पार्क में मौजूद इतना भारी मात्रा में उपस्थित कचरा दिखाई नहीं देता है। अलिंद ने बताया कि एक बार वह उस पार्क में मौजूद चाय की दुकान पर चाय पी रहा था तभी उसे पार्क में पीछे की और मौजूद भारी मात्रा में कचरा दिखाई दिया उसी दिन उसने अपने टीम के सदस्यों से बात कर ली थी कि बस अगले रविवार को यहां पर आकर इस कचरे को साफ करना है।
दरअसल समतामूलक चौक पर गोमती रिवर फ्रंट के किनारे मौजूद पार्क में एक चाय और कुछ खाद्य सामग्री की एक दुकान लगती है जिसका कचरा उस पार्क में निरंतर इकट्ठा होता रहता है, कचरा इतना भारी मात्रा में उपस्थित है कि अगर उसे देखा जाएगा तो लगेगा कि इलाके का कचरा डंपिंग का स्थान यही है। इस काम के जिम्मेदार लोगों की कभी इस कचरे पर नजर नहीं पड़ी। शुक्र है कि मौजूदा समय में अलिंद और उनके साथियो जैसे कुछ युवा मौजूद है जो अपने शहर को साफ रखने और प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने की ललक रखते हैं।