लखनऊ। राजधानी में कोरोना के हालात इस कदर बिगड़ते जा रहें है। कि इसपर काबू पाना लगभग नामुमकिन होते हुए दिखाई दे रहा है। लोगों की जिन्दगीं कोरोना के खौफ में कट रही है। कोरोना पीड़तों की खौफनाक कहानियां लखनऊ में बेहद डरावनी हो गई है ऐसे में आप को बताएगें एक ऐसी घटना के बारे में जिसको सुनकर आप के होश उड़ जाएगें। यह मामला गोमती नगर में विनम्र खंड के निवासी पूर्व जिला जज रमेश चंद्रा का है।
एम्बुलेंस भेजने का सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता रहा
जज रमेश चंद्रा दो दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और साथ ही उनकी पत्नी भी संक्रमित पायी गई थी। लेकिन हालात गंभीर होने के कारण जज रमेश चंद्रा ने डीएम से लेकर सीएमओ व कोविड-19 कंट्रोल रूम समेत अन्य अधिकारियों को पचासों फोन कर डाले। मगर हर जगह से व्यवस्था कराने व एम्बुलेंस भेजने का सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता रहा। आज सुबह करीब आठ बजे मधु चंद्रा ने दम तोड़ दिया। अब उनकी लाश उठाने तक के लिए कोई नहीं जा रहा।
हज़ारों बार किया फ़ोन
जज रमेश चंद्रा ने मीडिया से बात-चीत के दौरान कहा कि हजारों बार फोन करने के बाद भी सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता रहा लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नही की गई। जिसके कारण उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता गया। हम लोग एंबुलेंस का इंतजार करते रहे मगर सुबह उनकी सांसें उखड़ गई, यह कहते ही पूर्व जिला जज का गला भर गया। उन्होंने कहा कि मौत के बाद सुबह से लाश उठाने के लिए संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को कई बार फोन कर चुका हूं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है। अभी साढ़े 12 बजे यानी थोड़ी देर पहले एंबुलेंस भेजी गई।