नई दिल्ली। गाजियाबाद जिले में पहला ऐसा मामला आया है जहां येलो फंगस से संक्रमित मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। बता दें कि पीड़ित के परिजन एक सप्ताह से इंजेक्शन न मिलने से परेशान थे। लेकिन उन्हें कही से इंजेक्शन नही मिल पाया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हार्ट अटैक से मौत हुई है।
ऑक्सीजन स्तर कम होने लगा था
पीड़ित के बेटे अभिषेक आनंद ने कहा कि उनके पिता कुंवर पाल को अप्रैल की शुरुआत से ही फेफड़ों में परेशानी चल रही थी। जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनका ऑक्सीजन का स्तर भी काफी कम होने लगा था।
कोरोना की पुष्टि नहीं हुई
जिसके बाद उन्होंने आरटी-पीसीआर और सीवीसी जांच कराई थी लेकिन इसमें कोरोना की पुष्टि नहीं हुई। जबकि डॉक्टर ने कहा कि उनके पिता को कोरोना का ही इलाज दिया जाएगा। इसके बाद रोज उनके पिता को इंजेक्शन दिए जाने लगे। जिससे उनकी हालत में सुधार आया और वह घर चले गए।
आंखों में सूजन बढ़ गई थी
कुछ दिन बाद एक दिन उनके पिता की नाक से खून आने लगा और आंखों में सूजन बढ़ गई। जिसके बाद डॉक्टर ने ब्लैक फंगस बताया। बीते 23 मई को उन्हें राजनगर स्थित अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां डॉ. बी.पी. त्यागी ने उनमें ब्लैक फंगस , येलो फंगस और सफेद फंगस तीनों होने की पुष्टि की।