नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में मचा है। इस वायरस ने हर वर्ग पर असर डाला। लेकिन इसका सबसे ज्यादा सामना गरीब वर्ग को करना पड़ा। क्योंकि जो गरीब था, जो भूख के लिए जूझ रहा था वो कोरोना के चलते और मुसीबत में पड़ गया।
चौकानें वाले है आंकड़े
अंतरराष्ट्रीय संगठन ऑक्सफैम जो कि गरीबी से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करती उसने चौकानें वाले आंकड़े पेश किए है। जिसमें बताया गया है कि हर मिनट भूख से 11 लोगों की मौत हो जाती है। इसमें ये भी जानकारी दी गई है कि दुनिया भर में अकाल जैसी परिस्थितियों का सामना करने वाले लोगों की संख्या पिछले साल की तुलना में छह गुना बढ़ गई है।
हर मिनट सात लोग तोड़ देते दम
बीते साल के मुकाबले भुखमरी से लोगों की संख्या में 2 करोड़ का इजाफा हुआ है। युद्ध,आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन से भूख से जूझ रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। “द हंगर वायरस मल्टीप्लाईज” नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जितनी मौत कोरोना से नही हुई उससे अधिक मौत अकाल
से हुई है। हर मिनट लगभग सात लोग भूख से अपना दम तोड़ देते हैं।
15.5 करोड़ लोगों के पास खाद्य सुरक्षा नहीं
संगठन ने यह भी बताया कि “दुनिया भर में 15.5 करोड़ लोगों के पास खाद्य सुरक्षा नहीं है और कुछ की हालत तो इससे भी बदतर है। 2 करोड़ और लोग भी इस कैटेगरी में आ गए हैं। इनमें से लगभग दो तिहाई लोग इसलिए भूख का सामना करते हैं क्योंकि उनका देश सैन्य संघर्ष से जूझ रहा है।”
मैक्समैन ने कहा , “आज, कोरोना से आई आर्थिक गिरावट और बिगड़ते जलवायु संकट ने 520,000 से अधिक लोगों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है।”