उत्तराखंड ने की यात्रा स्थगित
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई को महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच वार्षिक कांवर यात्रा के साथ आगे बढ़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के कदम पर संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि, यू.पी. यात्रा पर जोर दे रहा था, जबकि उत्तराखंड ने इसे स्थगित कर दिया था।
राज्य सरकार अपना रुख स्पष्ट करें
वार्षिक तीर्थयात्रा में तीर्थयात्रियों का भारी प्रवाह देखा जाता है, जो दिल्ली और देश के उत्तरी क्षेत्र में बायवॉक करते हैं। वहीं अदालत ने कहा कि वह चाहती है कि राज्य सरकारें सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के बीच यात्रा के संचालन पर अपना रुख स्पष्ट करें।
नागरिक पूरी तरह हैरान
अदालत ने टिप्पड़ी देते हुए कहा कि, “भारत के नागरिक पूरी तरह से हैरान हैं। उन्हें नहीं पता कि क्या हो रहा है। और प्रधान मंत्री द्वारा कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आगाह करने के बावजूद ऐसा हो रहा है।”
तीसरी लहर बहुत भयानक हो सकती है
आपको बता दें कि भारत मे कोरोना की दूसरी लहर बेहद भयावह थी। ऐसे अगर थोड़ी-सी भी लापरवाही की गई तो पूरे देश के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए कावंड़ यात्रा को इजाजत नहीं दी जा सकती।