भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत समुंद्र की सतह पर उतरा

भारत के लिए महायोद्धा साबित होगा

नई दिल्ली। बीते बुधवार को भारत ने देश में बने पहले स्वदेशी एयर क्राफ्ट कैरियर (विक्रांत) को तैयार कर सी ट्रायल के लिए समुद्र पर उतारा। भारतीय नौ सेना ने इस पल को ऐताहासिक करार दिया। क्योंकि 40,000 टन वाले इस स्वदेशी विक्रांत में 76 प्रतिशत से ज्यादा देसी उपकरणों का इस्तेमाल हुआ हैं। विक्रांत एयरक्राफ्ट न सिर्फ भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है बल्कि देश में बना सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत भी है। इंडियन नेवी में शामिल होने के बाद यह देश का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा। फिलहाल भारत में सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर है- आईएनएस विक्रमादित्य।

विक्रांत में क्या है खास?

40,000 टन के भार वाले और 23000 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित ‘विक्रांत’ नाम से कहे जाने वाला यह एयरक्राफ्ट कैरियर करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इस पर 30 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर ‘विक्रांत’ पर मिग-29के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस एयर क्राफ्ट को अगले साल तक भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।

पाकिस्तान को कारगिल में हराने वाला विक्रांत ही था

खास बात यह है कि ‘विक्रांत’ नाम के ही एक एयरक्राफ्ट कैरियर ने 50 साल पहले 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिंदुस्तान की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

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