राज्य को सूचित किया गया है कि ये खुराक केवल निजी अस्पतालों में ही लगाई जानी चाहिए
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी केएमएससीएल को निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित मासिक 25 प्रतिशत मात्रा में से कोविशील्ड टीके की दस लाख खुराक खरीदने की अनुमति दी है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। दक्षिणी राज्य में दैनिक कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच, केरल चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड (केएमएससीएल) ने इस महीने की शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से संपर्क किया था ताकि टीकाकरण के लिए कोविशील्ड खुराकों की खरीद की जा सके।
विचार-विमर्श के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिया यह फैसला
इसके बाद, एसआईआई के सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने खरीद आदेश को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मांगी। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा,विचार-विमर्श के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने केएमएससीएल को सीरम संस्थान से निजी अस्पतालों द्वारा खरीद के लिए निर्धारित मासिक उत्पादन के 25 प्रतिशत में से 630 रुपये प्रति खुराक की दर से टीका खरीदने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। सूत्र ने बताया कि हालांकि, राज्य को सूचित किया गया है कि ये खुराक केवल निजी अस्पतालों में ही लगाई जानी चाहिए और इन्हें कोविन पोर्टल पर दर्ज किया जाना चाहिए। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया राज्य में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए केरल का दौरा कर रहे हैं।
टीका निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे 75 प्रतिशत टीकों की खरीद शुरू
केंद्र ने पहले राज्यों और निजी अस्पतालों को प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण की मांग के बाद 50 प्रतिशत टीके खरीदने की अनुमति दी थी। हालांकि, कई राज्यों द्वारा वित्त सहित कई समस्याओं की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ जून को टीका खरीद दिशानिर्देशों में संशोधन की घोषणा की थी। गत 21 जून से लागू हुए संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, केंद्र ने देश में टीका निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे 75 प्रतिशत टीकों की खरीद शुरू कर दी है। घरेलू टीका निर्माताओं को अपने मासिक उत्पादन का शेष 25 प्रतिशत निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराने का विकल्प दिया गया है। राज्य में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 18,582 नए मामले सामने आये थे। राज्य में रविवार को संक्रमण की दर 15.11 प्रतिशत थी।