नई दिल्ली। चीन मे कच्चे तेल की प्रोडक्शन नहीं हो पा रही है। चीन में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का प्रभाव फिर से बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा असर ऑयल मार्केट पर पड़ा है। इतना ही नहीं डेल्टा वेरिएंट का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में ग्लोबल ऑयल डिमांड में रिकवरी नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि सोमवार को ब्रेंट क्रूड में फिर से गिरावट आई। वहीं भारत में पेट्रोल-डीजल का बाजार में दाम स्थिर है। मंगलवार को दिल्ली के बाजार में पेट्रोल-डीजल इंडियन ऑयल के पंप पर डीजल 89.87 और पेट्रोल 101.84 रुपये प्रति लीटर देखने को मिला।
मई से जून तक पेट्रोल के दामों में 11.52 रुपये की बढ़ोतरी
इस साल के शुरुआती महीनों में चुनावी माहौल की वजह से बीते मार्च और अप्रैल के महीने में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद भी पेट्रोल – डीजल के दाम में कोई भी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली थी। लेकिन चार मई से इसकी कीमतों में खूब बढ़ोतरी देखने को मिली थी। हालांकि हरदीप सिंह पुरी के पेट्रोलियम मंत्री बनने के बाद से ही 18 जुलाई से दाम स्थिर हैं।
41 दिनों में 9.08 रुपये महंगा हुआ डीजल
हैरानी कि बात यह है कि डीजल महंगा ईंधन होने के बावजूद भी भारत में पेट्रोल से सस्ता बिकता है। जिसकी वजह से यहां अधिकतर वाहन डीजल से ही चलते हैं। अगर यह ईंधन महंगा होता है तो आम जनता पर महंगाई और ज्यादा भारी पड़ सकती है। मई और अप्रैल में कुछ राज्यों में चुनाव होने के कारण दाम में कोई भी कमी नहीं हुई। लेकिन 4 मई के बाद से ही हालात बदलते नजर आए। बीते दिनों प्रेट्रोल 9.08 रुपये प्रति लीटर मंहगा हो गया है। फिलहाल पिछले कुछ दिनों से डीजल के दामों में किसी तरह की बढ़ोतरी देखने को मिली है।