शहर मुफ़्ती ने किया था जामा मस्जिद पर झंडा फहराए जाने का विरोध
नई दिल्ली। बीते रविवार को जहां एक ओर पूरा देश आज़ादी के पर्व में देशभक्ति के रंग में डूबा हुआ था। तो वहीं दूसरी ओर आगरा की जामा मस्जिद सांप्रदायिक्ता और सियासी भूचाल की भेंट चढ़ गई। दरअसल 15 अगस्त पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने आगरा की शाही जामा मस्जिद पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद आगरा में सियासी भूचाल आ गया है। शहर मुफ़्ती और कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि ये गुनाह ए कबीरा है, जामा मस्जिद पर जन-गण-मन हुआ है, वो गलत है। एलान किया है कि इसका उत्तर प्रदेश में विरोध होगा। मुसलमान एकराय होकर आंदोलन करेंगे।
जन गण मन गाना हराम है- शहर मुफ्ती
जामा मस्जिद में तिरंगा फहराए जाने पर विरोध करते हुए शहर मुफ़्ती खुमैन अब्दुल कुसदैम रुमी ने जामा मस्जिद के चेयरमैन असलम कुरैशी से साफ शब्दों में कहा है कि वहां जो जन गण मन हुआ है वो हराम है। अल्लाह की बेगुरमती न कीजिए। शहर मुफ्ती का साथ देते हुए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे हाजी जलालुद्दीन कुरैशी ने भी इसका पूरा समर्थन किया है। उन्होंने असलम कुरैशी को चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
प्रदेश सरकार के आदेश के बाद फहराया तिरंगा
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी का कहना है कि उन्होंने प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक, मदरसे पर तिरंगा फहराया है। आपको बता दें कि, ऐसा पहली बार हुआ है जब जामा मस्जिद में तिरंगा फहराया गया हो। इसी के साथ इतने बवाल के बावजूद जामा मस्जिद के मदरसा पर हर साल तिरंगा फहराया जाएगा।