नई दिल्ली। भारत की अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक्स में गोल्ड हासिल कर लिया है। भारत के इतिहास में यह पैरालंपिक्स में पहला गोल्ड है। 2015 में शूटिंग में आपना कैरियर बनाने की सोच ने आज अवनि को गोल्ड दिला दिया।19 साल की अवनि ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान प्राप्त किया है। अवनि ने नवंबर 2019 में एक इंटरव्यू में कहा था कि वो टोक्यो में मेडल जीतना चाहती है। और अब उनका यह सपना हकीकत में तबदील हो गया है।
इतिहास के पन्ने
अवनि आज जिस मुकाम पर है, उसके पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है। अवनि का जन्म 8 नवंबर 2001 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था। अवनि की जिंदगी में 2012 में एक बहुत बड़ा मोड़ आया। 11 साल की उम्र में अनवि की एक कार एक्सीडेंट में रीढ़ की हड्डी में गभीर चोट आई थी। इसके बाद वो हमेशा-हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं हालांकि उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी आड़े नहीं आने दिया और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
कैसे शुरू हुआ शूटिंग का सफर
अवनि पढ़ाई पर ध्यान देती थीं पर उनके पिता चाहते थे कि वो खेल पर भी ध्यान दें। उनके पिता ने उनसे कहा कि वो शूटिंग और तीरंदाजी दोनों खेलो में कोशिश करो और फिर कोई एक चुन लेना। अवनि ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, ‘2015 में मेरे पिता शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में ले गए थे और मैंने दोनों की कोशिश की। पहली बार राइफल पकड़ने के बाद मुझे शूटिंग में ज्यादा जुड़ाव महसूस हुआ।’ उनकी शूटिंग चुनने की एक वजह अभिनव बिंद्रा भी हैं। अवनि ने अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफि ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी, जिसके बाद वो शूटिंग के प्रति और ज्यादा गंभीर हो गई। अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी।
अभिनव बिंद्रा ने दी बधाई
अभिनव बिंद्रा ने अवनि को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘गोल्ड है! अवनि लखेरा के शानदार प्रदर्शन से भारत ने निशानेबाजी में पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता। बेहद गर्व! बहुत-बहुत बधाई!’