नई दिल्ली। नई दिल्ली में बुधवार को सशस्त्र सीमा बल के मुख्यालय में श्री कुमार राजेश चन्द्रा(महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल) द्वारा हिन्दी पखवाड़ा का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर प्रो. निरंजन कुमार (हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविधालय) अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने “हिन्दी भूत , वर्तमान एवं भविष्य” विषय पर व्याख्यान दिया।
बता दें कि 1 से 14 सितम्बर तक मनाए जाने वाले हिन्दी पखवाड़े के दौरान सशस्त्र सीमा बल द्वारा हिन्दी भाषी कर्मियों व अहिन्दी भाषी कार्मिको के लिए आशु वक्तव, हिन्दी ज्ञान प्रश्न माला व अनुच्छेद लेखन की विभिन्नप्रतियोगिताएँ आयोजित की जायेंगी। इसके आलावा वर्ष भर में अपना अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में करने वाले 05 अधिकारियों एवं 10 कार्मिकों का भी चयन किया जाएगा तथा उनको सम्मानित किया जाएगा।
हिन्दी पखवाड़े के शुभारम्भ के अवसर पर महानिदेशक महोदय ने अपने संबोधन में हिन्दी पखवाड़े के आयोजन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। साथ ही सशस्त्र सीमा बल में अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में होने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की। अपने संबोधन में उन्होंने बताया की वर्ष 2020 में बल मुख्यालय का संसदीय राजभाषा समिति की पहली उप-समिति द्वारा निरिक्षण किया गया था। जिसमें समिति द्वारा सशस्त्र सीमा बल के हिन्दी में किए गए कार्य की सराहना की गई थी। उस वर्ष सशस्त्र सीमा बल का 87% कार्य हिन्दी में हुआ था,जो कि इस वर्ष बढ़कर 93% हो गया है। यह सब बलकर्मियों के साझा प्रयासों से संभव हो सका है। महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि,”भविष्य में भी हम राजभाषा हिन्दी में कार्य को बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे जिससे हम निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।”
इसके पश्चात श्री कुमार राजेश चन्द्रा, महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल द्वारा हिन्दी पखवाड़े के शुभारम्भ की घोषणा की गई तथा हिन्दी पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर श्रीमती बी.राधिका, अपर महानिदेशक, एसएसबी, श्री परेश सक्सेना ,महानिरीक्षक, एसएसबी ,अधिकारीगण व् बलकर्मी मौजूद रहे।