नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने अपने फायदे के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही रहीं हैं। लखीमपुर घटना पर टीएमसी ने राहुल गांधी पर पलटवार भी तब किया जब राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जाने की इजाजत नहीं मिली और तब राहुल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जिस तरह टीएमसी नेता लखीमपुर में पीड़ित परिवार से मिलने का मौका मिला वैसे ही कांग्रेस को भी मिलना चाहिए। बस फिर क्या इसी बात पर टीएमसी अध्यक्ष ने राहुल पर वार करते हुए कहा कि हम गैर भाजपाई पॉलिटिशियन का समर्थन करते हैं, और जिस तरह राहुल तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश करते हैं उससे जनता को भटकाने की कोशिश की जाती है। हम सड़क पर है सिर्फ ट्विटर पर नही। साथ ही टीएमसी के नेता ने कहा कि हम कांग्रेस के किसी भी गैर राजनीतिक कमेंट को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो बीजेपी का सामना नहीं कर सकी।
कांग्रेस की सफाई
टीएमसी के इस बयान से फिर कांग्रेस भी चुप नहीं रह सकी और बंगाल कांग्रेस के एक नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को भले ही लखीमपुर ना जाने दिया जा रहा हो पर जिस तरह से बाकी पार्टियों को लखीमपुर पीड़ितों से मिलने दिया जा रहा है उससे पता चल रहा कि भाजपा और विपक्षी पार्टी के बीच अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही है।
टीएमसी नेता ने बताया कि वह किस तरह से लखीमपुर पहुंचे
टीएमसी सांसद ककाली घोष लखीमपुर दौरे पर गए थे जिसमें उन्होंने बताया कि लखीमपुर में उन्हें कोई लेने कोई नही आया। घोष आम आदमी की तरह सड़क पर घूम रहे थे पुलिस के रोके जाने पर हमने झूठ बोला कि हम दुधवा नेशनल पार्क जा रहे हैं।