
रिपोर्ट -अभिषेक शुक्ला, जौनपुर।
जिले में गड्ढा मुक्त सड़कों के सरकारी दावों की पोल उस समय खुल गई, जब डीएम आवास से महज 50 मीटर की दूरी पर मुख्य सड़क धंस गई। रविवार को हुई हल्की बारिश के बाद सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया, जिससे आने-जाने वालों में हड़कंप मच गया। सौभाग्य से यह घटना दिन में हुई, वरना रात में कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
यह मार्ग अंबेडकर तिराहे से होते हुए डीएम आवास व दीवानी कचहरी तक जाता है, जो अत्यंत व्यस्त मार्ग है। रोजाना हजारों की संख्या में यहां से लोगों का आवागमन होता है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कुछ महीने पहले इस मार्ग पर सीवर लाइन डाली गई थी, जिसके बाद सड़क की मरम्मत सिर्फ औपचारिकता के तहत की गई। बारिश ने निर्माण की गुणवत्ता की असलियत सबके सामने ला दी।

प्रशासन और नगर पालिका की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए लोगों ने कहा कि जब जिले के सबसे वीआईपी इलाके में यह हाल है, तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति स्वतः समझी जा सकती है। डीएम खुद गड्ढा मुक्त अभियान की समीक्षा बैठकों में निर्देश देते हैं, लेकिन उनके आवास के सामने की सड़क ही धंस जाना प्रशासनिक लापरवाही की बड़ी मिसाल बन गई है।
करोड़ों रुपये खर्च फिर भी जनता बेहाल
लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए करोड़ों रुपये जारी किए जाते हैं, लेकिन यह धन कागजों पर योजनाएं पूरी कर डकार लिया जाता है। जनता अब सवाल पूछ रही है कि आखिर इस पैसे का हिसाब कौन देगा?
अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान करता है या फिर किसी बड़े हादसे के इंतजार में चुप बैठा रहेगा। जनता की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं।