यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, सोसाइटी पर लग रही लंबी कतारें

रिपोर्ट – नित्यानंद बाजपेई


“ऊंट के मुंह में जीरा” साबित हो रही यूरिया की आपूर्ति, घंटों लाइन में खड़े रहकर भी किसानों को नहीं मिल रही खाद

किसान को नहीं मिल पा रही यूरिया

सिंगाही (खीरी), 11 जुलाई 2025:
सिंगाही क्षेत्र में इन दिनों यूरिया की भारी किल्लत के चलते किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बहुउद्देश्यीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति खैरीगढ़ के केंद्र पर शुक्रवार को यूरिया खाद के लिए सुबह से ही किसानों की लंबी लाइनें लग गईं। किसानों ने बताया कि धान की रोपाई के इस मौसम में खाद की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, लेकिन खाद की अनुपलब्धता ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।

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“सोसाइटी पर आ रही यूरिया किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही। घंटों लाइनों में खड़े होने के बाद भी किसान को नहीं मिल पा रही यूरिया।”

पिछले दो सप्ताह से खाद की अनुपलब्धता के कारण क्षेत्र के किसान बेहद बेचैन थे। जैसे ही यूरिया की खेप बुधवार को केंद्र पर पहुंची, गुरुवार सुबह से ही किसानों की भीड़ इकट्ठा हो गई। शुक्रवार को नगद खाद लेने वालों की भी लंबी कतारें देखने को मिलीं।

स्थिति यह रही कि कई किसान सोसाइटी खुलने से पहले ही लाइन में लग गए, ताकि समय पर खाद मिल सके। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सोसाइटी सचिव को स्थानीय प्रशासन का सहयोग भी लेना पड़ा।

किसानों ने बताया कि सुबह से लाइन में खड़े रहने के बावजूद सिर्फ 50 टोकन ही बांटे गए, और उनमें से भी कई किसानों को खाद नहीं मिल सकी। ऐसे में वे निराश होकर वापस लौट गए।

वहीं, कुछ प्राइवेट दुकानों पर कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आई हैं, जहां यूरिया अधिक कीमतों पर बेचा जा रहा है। किसान इसे सरकार की ढीली आपूर्ति प्रणाली का नतीजा बता रहे हैं।

कृषक रामस्वरूप ने कहा, “धान की रोपाई के बाद यूरिया की सबसे अधिक ज़रूरत होती है, लेकिन इस समय संकट गहरा गया है। जिन्हें खाद मिल गई वो राहत में हैं, लेकिन अधिकतर किसान अब भी परेशान हैं।”

सरकारी सोसाइटियों पर पहुंच रही यूरिया की मात्रा, मांग के मुकाबले बेहद कम है और यही वजह है कि यह आपूर्ति किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।