
मैलानी-खीरी: मैलानी-नानपारा रेल सेवा एक बार फिर 10 अगस्त 2025 तक के लिए बंद कर दी गई है। लगातार रुक-रुक कर हो रहे संचालन और अनिश्चितताओं के कारण दो दर्जन से अधिक छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
रेलवे प्रशासन द्वारा हर कुछ दिन पर कभी तकनीकी कारण, तो कभी सुरक्षा कारणों के हवाले से ट्रेनों का संचालन बंद किया जा रहा है। इस बार भी यही स्थिति बनी है — कम बारिश के बावजूद रेलवे ट्रैक के नीचे अतरिया के पास शारदा नदी के रिसाव के कारण फिर से यातायात अवरुद्ध कर दिया गया है।
🚫 रेल सेवा ठप, जनता बेहाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले ट्रैक टूटने के बाद मरम्मत कर ट्रेन सेवा बहाल की गई थी, जिससे काफी राहत मिली थी। लेकिन अब बारिश कम होने के बावजूद फिर से बहाना बनाकर सेवा को बार-बार बंद किया जा रहा है।
“आज बंद, कल शुरू” की नीति ने लोगों की आवाजाही और रोज़मर्रा की जिंदगी को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र, छोटे दुकानदार और रोज़ कमाने-खाने वाले मजदूरों को हो रही है।
22 करोड़ की राशि, लेकिन सुधार नहीं
स्थानीय आरोप है कि इस रूट की मरम्मत और सुरक्षा कार्यों के लिए सरकारी धनराशि लगभग 22 करोड़ रुपये जारी की गई थी। लेकिन मिलीभगत और घपलेबाज़ी के चलते इसका समुचित उपयोग नहीं हुआ।
जनता का आरोप है कि ऊपरी स्तर पर कागज़ों में सब ठीक दर्शा दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी बदहाल है।
प्राइवेट साधनों की लूट
रेल सेवा बंद होने के कारण आमजन को अब प्राइवेट बस और जीप ऑपरेटरों की दया पर जीना पड़ रहा है।
मनमाना किराया वसूला जा रहा है
कहीं कोई समय तय नहीं
गरीब जनता पर आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ रहा है

जनता का सवाल — आखिर कब तक?
स्थानीय लोगों का कहना है कि
“हर बार नई तारीख देकर ट्रेन बंद कर देना तो आसान है,
लेकिन क्या सरकार और अधिकारी कभी ये सोचते हैं कि
इससे आम जनता पर क्या बीतती है?”
अब सवाल यह है कि क्या रेलवे इस रूट को लेकर कोई स्थायी समाधान निकालेगा, या यूं ही “तारीख पर तारीख” का खेल चलता रहेगा?