
फतेहपुर-बाराबंकी: नगर क्षेत्र के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में सोमवार को पर्युषण पर्व का समापन हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर भगवान पार्श्वनाथ का पंचामृत अभिषेक, शांतिधारा, आरती और क्षमावाणी के साथ पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात जयमाल कार्यक्रम और चौबीसी विधान की पूजा का आयोजन हुआ।
शास्त्र प्रवचन में चिंतक इंद्र कुमार जैन ने कहा कि “भगवान महावीर ने कहा था क्षमा वीरस्य भूषणम। क्षमा करना और क्षमा मांगना दोनों ही श्रेष्ठ गुण हैं। जैन धर्म में यह परंपरा आज भी जीवंत है। भाद्रपद माह में हम पर्युषण पर्व श्रद्धा भाव से मनाते हैं, जिसमें दसलक्षण धर्म, रत्नात्रय जैसे अनेक पर्व शामिल हैं। क्षमावाणी पर्व पर सभी एक-दूसरे से गले मिलकर, विगत वर्ष में हुई भूलों और गलतियों की क्षमायाचना करते हैं। इससे आपसी मतभेद दूर होते हैं और समाज में एकता आती है।”
संध्या वेला में गुरुबन्दना और लगातार उपवास करने वाले भक्तों को जैन समाज द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जैन समाज अध्यक्ष सचिन जैन ने बताया कि मंगलवार को बेलहरा के जैन मंदिर में क्षमावाणी पर्व के दौरान शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी की उपस्थिति प्रार्थनीय है।
इस आयोजन ने न केवल धार्मिक श्रद्धा को दर्शाया बल्कि एक-दूसरे के प्रति सहिष्णुता और मानवता का संदेश भी समाज में फैलाया।