
फतेहपुर-बाराबंकी। नगर पंचायत फतेहपुर चेयरमैन इरशाद अहमद कमर को लखनऊ हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा 3 सितंबर 2025 को उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज करने के आदेश को अमान्य मानते हुए अधिकार बहाल कर दिए हैं। कोर्ट का यह फैसला उनके विरोधियों के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
अदालती आदेश की जानकारी मिलते ही चेयरमैन के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों ने इसे न्याय की जीत और विरोधियों की साजिश की हार करार दिया।
गौरतलब है कि नगर पंचायत गठन के बाद 3 सितंबर को वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते राज्य सरकार ने चेयरमैन के अधिकार सीज करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया और राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर नया कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि सरकार को जांच रिपोर्ट के बजाय अभिलेखों पर विचार करना चाहिए था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने नोटिस को “कट-पेस्ट प्रक्रिया” बताया। अदालत ने नोटिस की भाषा पर भी सवाल उठाए।
चेयरमैन इरशाद अहमद कमर ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आदेश उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो विकास कार्यों में अड़चन डाल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब वे और मजबूती से नगर के विकास को गति देंगे।