हरदोई में बिलग्राम नगर पालिका की तानाशाही के खिलाफ फूटा गुस्सा, ठेका कर्मचारियों का प्रदर्शन

रिपोर्ट: राजीव दीक्षित

हरदोई जिले की चर्चित बिलग्राम नगर पालिका में ठेका कर्मचारियों का गुस्सा बुधवार को फूट पड़ा। नगर पालिका पर गंभीर भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन ने ठेका व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 31 दिन काम कराने के बावजूद केवल 26 दिन का वेतन दिया। सफाई कर्मी, पम्प ऑपरेटर, ड्राइवर और सुपरवाइजर समेत अधिकांश कर्मचारियों को ₹10,700 की जगह महज़ ₹9,500 ही भुगतान किया गया। वहीं, केवल कंप्यूटर ऑपरेटरों का पूरा वेतन जारी किया गया।

कर्मचारियों का कहना है कि हर महीने पीएफ और अन्य कटौतियों के बाद भी मुश्किल से ₹10,200–₹10,700 तक हाथ में आता था, लेकिन इस बार सीधे हजारों रुपये कम कर दिए गए। उनका आरोप है कि यह घोटाला अधिशासी अधिकारी नीलाब शाल्या की देखरेख में हुआ और इसमें अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत है।

कर्मचारियों ने कहा कि यह कदम न केवल आर्थिक शोषण है बल्कि नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 128, 129 और 60 के प्रावधानों की खुलेआम धज्जियां उड़ाना है। साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित सेवा निगम और ₹16,000–₹25,000 न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था का भी अनुपालन नहीं किया गया।

आंदोलनरत कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ईओ ने प्रदर्शन के दौरान उन्हें धमकाया और दबाव बनाकर आवाज दबाने की कोशिश की। जबकि, नगर पालिका अधिनियम की धारा 295 के अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों पर व्यक्तिगत दंड और कार्रवाई संभव है।

इस पूरे प्रकरण ने बिलग्राम नगर पालिका में भ्रष्टाचार की परतें खोल दी हैं। सवाल यह है कि शासन-प्रशासन कर्मचारियों के शोषण और इस वेतन घोटाले पर कब सख्त कदम उठाएगा।

वहीं, ईओ नीलाब शाल्या का कहना है कि समस्या का निराकरण कर दिया गया है, जिसके बावजूद कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।