
आगरा। शासन द्वारा इस वर्ष कृषि विभाग को सरसों की 25 हजार मिनीकिट वितरण का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन लखनऊ से डाटा पोर्टल बदलने और तकनीकी दिक्कतों के कारण किसानों को मिनीकिट नहीं मिल पा रही है।
सोमवार को किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने उप निदेशक कृषि मुकेश कुमार से मुलाकात कर मिनीकिट वितरण में आ रही परेशानियों पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि मिनीकिट वितरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर मिस्ड कॉल बुकिंग सिस्टम शुरू किया जाए, ताकि किसानों को आसानी से मिनीकिट मिल सके। चाहर ने सुझाव दिया कि पौष मशीन पर किसान का अंगूठा लगवाकर सरसों बीज मिनीकिट वितरण कराया जाए।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष जिन किसानों को मिनीकिट दी गई थी, इस बार एग्रीदर्शन पोर्टल चेंज होने से वे किसान सिस्टम में दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। जमीन की जानकारी ‘शून्य’ दिखा रही है और जिन किसानों की जमीन एक एकड़ से कम है, वे योजना से पूरी तरह वंचित हैं।
इसके अलावा आधार से लिंक मोबाइल नंबर बदलने या गलत होने के कारण ओटीपी न पहुंच पाने से भी मिनीकिट बुकिंग नहीं हो पा रही है, जिससे लगभग 90 प्रतिशत किसान वंचित रह गए हैं।
उप निदेशक कृषि मुकेश कुमार ने स्वीकार किया कि डाटा पोर्टल बदलने से कुछ तकनीकी समस्याएं आई हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है और समाधान की प्रक्रिया जारी है। जिन किसानों के मोबाइल नंबर या आधार लिंक की समस्या है, उसे भी सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि किसानों को अधिक से अधिक मिनीकिट उपलब्ध कराने के लिए विभागीय कर्मचारियों को गांव-गांव जाकर वितरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस अवसर पर केशव देव शर्मा, भीष्मपाल सोलंकी और जगमोहन लवानिया भी उपस्थित रहे।