Cyber Crime: Digital Arrest Scam Exposed: Supreme Court ने लिया संज्ञान, Delhi Police की सबसे बड़ी Cyber Action

Cyber Crime: जिस साइबर क्राइम ने मुंबई के एक बिज़नेसमैन से करोड़ों रुपए ठग लिए जिस घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट को खुद स्वतः संज्ञान लेना पड़ा वो “डिजिटल अरेस्ट” जाल अब पूरे देश में आतंक बन चुका है। साइबर क्राइम से सावधान रहने की सरकारी कोशिशें भी नाकाफी साबित हो रही हैं, क्योंकि अब ठग पुलिस अधिकारी, TRAI अफसर या जज बनकर आपके ही फोन पर पहुंच जाते हैं।

Cyber Crime: Cyber ठगों पर दिल्ली पुलिस की Digital मार

राहत की बात है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस संगठित ठगी नेटवर्क पर, अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने एक हफ्ते तक देशभर में आठ बड़े ऑपरेशन चलाए। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में फैले इन मॉड्यूल्स को ध्वस्त किया गया यह पूरा ऑपरेशन डीसीपी आदित्य गौतम और एसीपी अनिल शर्मा की निगरानी में चला।

ऑपरेशनों की कमान थी इंस्पेक्टर संदीप सिंह, इंस्पेक्टर अशोक कुमार, इंस्पेक्टर सुभाष, और इंस्पेक्टर शिवराम के हाथों में।पहला ऑपरेशन राजस्थान के पाली जिले में चला जहां डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को फंसाने वाले गिरोह को पकड़ा गया ये ठग पुलिस अफसर बनकर बुज़ुर्गों को कॉल करते थे, कहते थे कि आप मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे हैं और फिर डर व दबाव के ज़रिए ₹42.49 लाख ट्रांसफर करवा लेते थे।

जांच में पता चला कि ठगी के पैसे राजस्थान और मध्यप्रदेश के अकाउंट्स में गए। टीम SI गुलशन कुमार, HC प्रवीन कुमार, और HC हितेन जयंत ने फालना (पाली) से महेंद्र कुमार वैष्णव को गिरफ्तार किया, जिसके अकाउंट में ₹8.49 लाख आए थे। पूछताछ में विषाल कुमार और श्यामदास का भी नाम सामने आया दोनों को भी गिरफ्तार किया गया। दूसरा ऑपरेशन यूपी के आगरा में चला।

यहां आरोपी सोशल मीडिया पर महिला बनकर लोगों को प्यार और इन्वेस्टमेंट के झांसे में फंसाते थे। शिकायतकर्ता से ₹40.27 लाख की ठगी हुई। जांच में सामने आया Devender Kumar और Shivam उर्फ़ आशू इस गैंग के सक्रिय सदस्य थे। Devender एक सब्ज़ी सप्लायर था, जिसका अकाउंट , 40 शिकायतों और 2 FIR से जुड़ा मिला। उसने बताया ₹50,000 कमीशन के लिए अकाउंट दिया था। टीम SI राकेश मलिक, HC अक्षय, HC कपिल, HC भूपेंद्र, और HC विकास ने Reliance पेट्रोल पंप, आगरा के पास से दोनों को गिरफ्तार किया।

तीसरा ऑपरेशन पंजाब के जालंधर में चला जहां अनिल पुत्र बृजमोहन को पकड़ा गया। वह बार-बार अपने बैंक अकाउंट्स साइबर गिरोहों को देता था, जिनसे ₹26.8 लाख की डिजिटल इन्वेस्टमेंट ठगी की गई थी। टीम SI जगसीर सिंह और HC मोहित मलिक ने स्थानीय इंटेलिजेंस के आधार पर गिरफ़्तारी की हिमाचल के ऊना में नमन पुरी (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। वह TRAI और पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करता था।

₹30 लाख की ठगी हुई, जिसमें ₹11 लाख कोर्ट ऑर्डर से फ्रीज़ किए गए। टीम Inspector Ashok, SI भाग्यश्री, और ASI संजय ने टेक्निकल सर्विलांस और CCTV से लोकेशन ट्रेस की। यूपी में चार और ऑपरेशन मेरठ, सहारनपुर, कानपुर और महोबा जहां फर्जी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट स्कैम्स का जाल फैला था।

मेरठ में Mohd. Parvez नामक आरोपी ने ₹33.96 लाख की ठगी की। टीम SI अर्जुन सिंह और HC आनंद ने गिरफ्तार किया। सहारनपुर में दीपक सैनी और मुदित अरोड़ा नामक आरोपी, AI ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नाम पर ₹29.74 लाख ठग चुके थे। दोनों को Inspector Subhash और HC मोहित मलिक ने पकड़ा।

कानपुर का मेहविश अख्तर को पकड़ा गया, जो शेयर मार्केट स्कैम में शामिल थी। ₹31 लाख की ठगी के केस में उसका नाम आया। महोबा का नीलेश कुमार गिरफ्तार ₹26.95 लाख की ठगी और 87 शिकायतें NCR Portal पर दर्ज। ऑपरेशन Inspector Ashok Kumar और W/SI भाग्यश्री ने अंजाम दिया।

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटालों पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीबीआई, हरियाणा सरकार और अंबाला साइबर क्राइम विभाग को नोटिस भेजा है। यह संज्ञान एक वरिष्ठ नागरिक दंपति की शिकायत पर लिया गया जिन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड’ के ज़रिए, उनकी जीवनभर की बचत से ठग लिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा फर्जी न्यायिक आदेश न्याय प्रणाली में जनता के भरोसे पर प्रहार है। और टिप्पणी की “ऐसा कृत्य न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा हमला है। इन आठ ऑपरेशनों के ज़रिए दिल्ली पुलिस नेचार राज्यों में फैले साइबर नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है।

अब तक ₹12 लाख की राशि कोर्ट ऑर्डर के ज़रिए पीड़ितों को लौटाई जा चुकी है। यह ऑपरेशन यह साबित करता है कि अगर ठग टेक्नोलॉजी से ठगी कर रहे हैं, तो पुलिस भी अब ‘डिजिटल शील्ड’ के साथ जवाब दे रही है। जिस साइबर क्राइम ने मुंबई के बिज़नेसमैन से करोड़ों लूट लिए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट को खुद उतरना पड़ा वो अपराध अब थमने वाला नहीं लेकिन अब पुलिस भी ऑनलाइन वार के लिए तैयार है।

डिजिटल इंडिया के इस युग में ठग ऑनलाइन हैं, लेकिन अब कानून भी ऑनलाइन है। क्योंकि ‘ऑपरेशन साइबर स्टॉर्म’ ने डिजिटल ठगी के एंडगेम की शुरुआत कर दी है।