
लखनऊ।नवाबों के इस शहर में इस बार दीपावली की मिठास कुछ अलग ही रंग में घुली है। जहां आम लोग रसगुल्ले और बर्फी की खुशबू में डूबे हैं, वहीं सदर बाजार स्थित प्रसिद्ध ‘छप्पन भोग’ की दुकान पर ऐसी मिठाई बिक रही है, जिसकी कीमत सुनकर लोग मिठास नहीं, बल्कि “गोल्ड रेट” गिनने लगते हैं। नाम है — ‘एग्जॉटिका’ (Exotica), और दाम है ₹60,000 प्रति किलो। यह मिठाई न सिर्फ स्वाद का चमत्कार है, बल्कि कला, तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम भी।
सोने की परत में लिपटी मिठास की विलासिता
24 कैरेट गोल्ड की पतली कोटिंग से सजी ‘एग्जॉटिका’ देखने में किसी गहने से कम नहीं लगती। दुकान के मालिक रविंद्र गुप्ता बताते हैं —
“यह मिठाई हमने 2009 में एक खास ग्राहक के लिए तैयार की थी, जिन्होंने कहा था कि ऐसा कुछ बनाइए जो दुनिया में कहीं न हो। तभी से यह ‘छप्पन भोग’ की शान बन गई है।”
इस साल सोने की कीमतों में उछाल के कारण इसकी कीमत 56 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपये किलो हो गई है। एक पीस की कीमत लगभग ₹600 है, फिर भी ग्राहकों की कतारें लगी हैं। 4 पीस का गिफ्ट पैक ₹2,400 में बिक रहा है, और हर कोई इसे दीपावली पर “लक्ज़री गिफ्ट” के तौर पर लेना चाहता है।
दुनियाभर के स्वादों का संगम एक बाइट में
‘एग्जॉटिका’ में सिर्फ सोने की चमक नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का स्वाद समाया है। इसमें इस्तेमाल होते हैं —
साउथ अफ्रीका के मैकाडामिया नट्स,
किन्नौर के पाइन नट्स,
ईरान के मामरा बादाम,
अफगानिस्तान के पिस्ते,
तुर्की के हेज़लनट्स,
अमेरिका की ब्लूबेरी,
और कश्मीर की केसर।
हर बाइट में यह मिठाई आपको वैश्विक स्वाद यात्रा पर ले जाती है। न कोई रिफाइंड शुगर, न कोई कृत्रिम रंग — शुद्ध घी, जैविक सामग्री और नट्स की प्राकृतिक मिठास से तैयार यह प्रीमियम डेज़र्ट स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का संतुलन बनाता है।
‘वोकल फॉर लोकल’ से ‘ग्लोबल मिठाई’ तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के अभियान से प्रेरित होकर ‘छप्पन भोग’ ने मिठाई के व्यवसाय में एक नई क्रांति की है। इस बार दुकान ने AI (Artificial Intelligence) की मदद से मिठाई निर्माण में तकनीकी प्रयोग किया है।
दुकान के मार्केटिंग हेड क्षितिज गुप्ता बताते हैं —
“हमारा AI सिस्टम ग्राहकों की पसंद, मौसम और त्योहारों के हिसाब से मिठाई की रेसिपी कस्टमाइज करता है। इससे हर ग्राहक को बिल्कुल यूनिक स्वाद मिलता है और वेस्टेज भी कम होता है।”
AI की इस तकनीक से दुकान की ऑनलाइन बिक्री में 40% की वृद्धि हुई है। अब ‘एग्जॉटिका’ की बुकिंग दुबई, लंदन और अमेरिका से भी आ रही है। इस दीपावली सीज़न में करीब 40 किलो बिक्री का अनुमान है — जो मिठाई की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
‘छप्पन भोग’: 56 व्यंजनों की मिठास का खजाना
‘छप्पन भोग’ सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, बल्कि लखनऊ की परंपरा का प्रतीक है। यहां के 56 प्रकार के भोग अवधी संस्कृति और नवाबी स्वाद का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पेड़ा, लड्डू, बर्फी, शाही मलाई टोस्ट, संदेश — हर मिठाई में एक अलग कहानी छिपी है। लेकिन ‘एग्जॉटिका’ ने इस कहानी में “ग्लोबल चैप्टर” जोड़ दिया है।
दुकान में मिठाइयों की सजावट किसी गैलरी से कम नहीं लगती। सोने की परतों में चमकते टुकड़े, रंग-बिरंगी ट्रे और ग्राहकों की उत्साहित भीड़ — ये सब मिलकर एक त्योहार से बढ़कर “अनुभव” रचते हैं।
“यह सिर्फ मिठाई नहीं, एक स्टेटमेंट है”
ग्राहक रानी सिंह कहती हैं —
“एग्जॉटिका सिर्फ मिठाई नहीं, एक स्टेटमेंट है। दीपावली पर इसे गिफ्ट करना समृद्धि और प्रतिष्ठा का प्रतीक है।”
वहीं, युवा उद्यमी अजय वर्मा कहते हैं —
“AI की मदद से बनी यह मिठाई आधुनिक भारत की पहचान है — जहां परंपरा और तकनीक एक साथ चलते हैं।”
लखनऊ की मिठास में नवाबी अंदाज़ और डिजिटल तड़का
लखनऊ का सदर बाजार हर दीपावली पर रोशनी में नहाया रहता है, पर इस बार वहां मिठाइयों की चमक में सोने की झिलमिलाहट भी घुल गई है। दुकानदारों का कहना है कि ‘एग्जॉटिका’ ने पूरे मिठाई बाजार में लक्ज़री डेज़र्ट ट्रेंड की शुरुआत कर दी है।
कई होटल और कॉरपोरेट हाउस इसे प्रीमियम गिफ्ट पैक के रूप में ऑर्डर कर रहे हैं।
सामाजिक मीडिया पर भी ‘एग्जॉटिका’ की चर्चा जोरों पर है —
GoldenMithai, #ExoticaLucknow, और #LuxuryDiwali जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
परंपरा, तकनीक और स्वाद का संगम
छप्पन भोग का यह प्रयोग दिखाता है कि भारत की पारंपरिक मिठाई उद्योग भी अब आधुनिक तकनीक और नवाचार के साथ आगे बढ़ रहा है। यह वह दौर है जब रसगुल्ला और बर्फी जैसे पारंपरिक नामों के साथ-साथ “एग्जॉटिका” जैसी मिठाइयाँ भारतीय स्वाद को वैश्विक मंच पर पहचान दिला रही हैं।
इस दीपावली, जब घरों में दीये जलेंगे और मिठास फैलेगी, तब लखनऊ के ‘छप्पन भोग’ की ‘एग्जॉटिका’ उस मिठास को सोने की चमक दे रही होगी। यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भारत के नए आत्मविश्वास, नवाचार और संस्कृति की निरंतरता का प्रतीक बन चुकी है।
तो अगर इस दीपावली आप लखनऊ में हैं और स्वाद का असली नवाबी अनुभव लेना चाहते हैं —
तो एक बार जरूर जाइए ‘छप्पन भोग’, लेकिन याद रखिए — यह मिठाई दिल से ज्यादा जेब मांगती है!