
📍 कोसीकलां से अमर भारती की रिपोर्ट
कोसीकलां। वृंदावन से आरंभ हुई गोरे दाऊजी ब्रज चौरासी कोस यात्रा के नगर आगमन पर भक्तों ने जोशीला स्वागत किया। श्रीश्री 1008 श्री वनवारी दास महामंडलेश्वर वृंदावन के नेतृत्व में यह यात्रा दो दिन के पड़ाव के लिए नगर पहुँची। यात्रा की भव्य अगवानी नगर के प्रमुख समाजसेवी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कन्हैयालाल गोयल ने की और यात्रियों के लिए भोजन प्रसाद की विशेष व्यवस्था कराई।
श्री ब्रिज विहारीदास बाबा ने बताया कि यात्रा का अगला पड़ाव प्रह्लाद नगरी फालैन होगा। यात्रा भाईदूज के दिन वृंदावन से प्रारंभ हुई थी, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों सहित विदेशों से आए सैकड़ों श्रद्धालु पदयात्रा कर रहे हैं। इन श्रद्धालुओं के रहने, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था श्रीश्री 1008 श्री वनवारी दास महामंडलेश्वर द्वारा की गई है।
बुधवार को यात्रा नगर के काली मंदिर पहुँची, जहाँ पालिकाध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल, कमलकिशोर वार्ष्णेय, नवलकिशोर, सुभाष शर्मा सहित नगर के अनेक प्रमुख नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। कन्हैयालाल गोयल ने बताया कि यात्रा 32 दिनों तक चलेगी और दो दिन नगर में विश्राम करने के बाद अगला पड़ाव फालैन की ओर रवाना होगी।
🌸 भव्य दीपदान से जगमगाए देवालय
कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के पावन अवसर पर नगर के मंदिरों में भक्तिमय वातावरण छाया रहा। मां भगवती मंदिर, मां पथवारी मंदिर, बलदेवगंज स्थित दाऊजी मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, राधा माधव मंदिर, तोताराम मंदिर और देव कुटिया सहित अनेक देवालयों में दीपदान कर भव्य देव दीपावली मनाई गई। मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता देर रात तक लगा रहा।
महंतों और भक्तों ने बताया कि देव दीपावली उस दिन मनाई जाती है जब त्रिपुरासुर का वध भगवान शिव ने किया था। इसी प्रसन्नता में देवताओं ने गंगा स्नान और दीपदान कर आनंद व्यक्त किया था। उसी परंपरा के रूप में पृथ्वी पर यह पर्व मनाया जाता है।
देवालयों को देसी-विदेशी फूलों से सजाया गया और मां पथवारी मंदिर पर अन्नकूट प्रसाद का आयोजन हुआ, जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष निर्भय पांडेय, पालिकाध्यक्ष धर्मवीर अग्रवाल, दीपक बडगूजर, सौरभ जैन, विनय उपाध्याय, पवन जादौन और अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
श्री कृष्ण गौशाला में यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें भाजपा ओबीसी मोर्चा ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष डॉ. अमर सिंह पौनिया व बीना पौनिया ने आहुतियाँ दीं। डॉ. पौनिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में यज्ञ का विशेष महत्व है, जो सर्वजगत के कल्याण का प्रतीक है।