
अछनेरा। आगरा टर्मिनल नहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का बदबूदार और गंदा पानी डाले जाने, फतेहपुर सीकरी नहर की लंबे समय से अटकी सिल्ट सफाई, तथा जिले में नहरों व माइनरों की सफाई में कथित खानापूर्ति को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। बिचपुरी स्थित टर्मिनल नहर पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन का नेतृत्व किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने किया।
किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने आरोप लगाया कि टर्मिनल नहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का बेहद दुर्गंधयुक्त पानी निरंतर छोड़ा जा रहा है, जिससे नहर की नियमित सफाई बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि फतेहपुर सीकरी नहर की पिछले 17 वर्षों से सिल्ट सफाई नहीं हुई, नहर झाड़ियों से पटी हुई है, और तल में जमी भारी सिल्ट के कारण पानी का प्रवाह मानक से लगभग आधा रह गया है।
उन्होंने बताया कि नहर में 6 फीट पानी के फ्लो का मानक है, लेकिन 3 फीट सिल्ट जमी होने से केवल आधा पानी ही आगे बढ़ पाता है, जिसके कारण टेल तक किसानों को सिंचाई नहीं मिल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली और हरियाणा की फैक्ट्रियों का केमिकल मिश्रित पानी भी नहर में छोड़ा जा रहा है। इससे नहर का पानी जहरीला हो गया है, फसलों को नुकसान पहुंच रहा है और किसानों के स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ गया है।
किसानों ने अपनी मांगें जोरदार तरीके से रखीं—
टर्मिनल नहर में सीवेज प्लांट का गंदा पानी तुरंत रोका जाए।
फतेहपुर सीकरी नहर की पूरी सिल्ट सफाई कराई जाए।
नहरों में फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी मिलना बंद कराया जाए।
नहरों व माइनरों की सफाई में हुई कथित खानापूर्ति की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
प्रदर्शन में किसान नेता मोहन सिंह चाहर के साथ पूर्व प्रधान कृपाल सिंह, भरत सिंह सोलंकी, महावीर प्रधान, लवकेश सोलंकी, पुष्पेंद्र चौधरी, भीष्मपाल सोलंकी, रतन सिंह, मनोज माहौर, सतीश चाहर, गोविंद राना, जयपाल चाहर सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।