
लखीमपुर खीरी, 22 नवंबर। डीएस कॉलेज मैदान इन दिनों एक अद्भुत ऊर्जा से भरा हुआ है। हवा में ही उत्सव का कंपन समाया हुआ है, मानो 25 नवंबर को यहां सजने वाला “खुशियों का महाकुंभ” अपने गौरवपूर्ण स्वरूप में बदलने को आतुर हो। मैदान में अभी जर्मन हैंगर टेंट की स्टील–फ्रेमिंग भर उठी है, लेकिन तैयारियों की रफ्तार और माहौल का जोश बता रहा है कि यह आयोजन कुछ बड़ा, भावनात्मक और अविस्मरणीय होने वाला है।
शनिवार सुबह सीडीओ अभिषेक कुमार के स्थल निरीक्षण के दौरान पूरा परिसर एक जीवंत कार्यशाला बन गया था। चारों ओर टेंट कर्मियों की आवाज़ें, रस्सियों की खिंचाई, एंगल नापते कारीगर और भाग-दौड़ करती व्यवस्थाएँ ऐसे प्रतीत हो रही थीं, जैसे हर ईंट–हर खूँटी 451 नवयुगलों के भविष्य की नींव डाल रही हो।
सीडीओ अभिषेक कुमार के साथ डीएसडब्लूओ वंदना सिंह, तेजस्वी मिश्रा, डीपीआरओ विशाल सिंह, डीसी–एनआरएलएम जितेंद्र कुमार मिश्र सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर सामूहिक विवाह समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए स्थल का व्यापक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान सीडीओ ने कार्यक्रम से जुड़ी प्रत्येक तकनीकी और भावनात्मक आवश्यकता पर समान ध्यान दिया। उन्होंने वेदिकाओं के प्रस्तावित स्थान, टेंट की मजबूती, बैठने की उचित व्यवस्था, सफाई की गुणवत्ता, रजिस्ट्रेशन काउंटर, ग्रीनरूम, सामग्री वितरण स्थान, खानपान व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंधन जैसे सभी बिंदुओं का बारीकी से मूल्यांकन किया।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि समारोह की हर व्यवस्था में सुगमता, गरिमा और सौहार्द की झलक साफ दिखाई देनी चाहिए। यह आयोजन केवल सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि 451 परिवारों के जीवन में खुशियों का सूर्योदय है—इस भाव को ध्यान में रखते हुए हर व्यवस्था उत्कृष्ट होनी चाहिए।
इस बार जिला प्रशासन कार्यक्रम को और भी आकर्षक और यादगार बनाने के लिए कई नए तत्व जोड़ रहा है। स्थल पर आकर्षक सेल्फी पॉइंट स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि नवविवाहित जोड़े इस विशेष दिन की खूबसूरत स्मृतियाँ संजो सकें। बड़े आकार की एलईडी स्क्रीन के माध्यम से पूरा समारोह और भी भव्य दिखाई देगा। वधुओं की तैयारी के लिए विशेष मेकओवर कॉर्नर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे हर दुल्हन अपने खास दिन पर पूरी गरिमा और आत्मविश्वास के साथ मंडप तक पहुँच सके।
इसके अलावा, पूरे कार्यक्रम में परंपरागत माहौल कायम रखने के लिए शहनाई और मंगलध्वनियों की निरंतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, ताकि वातावरण सांस्कृतिक भावनाओं से भरा रहे।
सीडीओ अभिषेक कुमार ने निरीक्षण के बाद कहा कि “यह केवल एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसा सामाजिक पर्व है जो 451 परिवारों को नए भविष्य की ओर अग्रसर करेगा। हम हर व्यवस्था को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर कर रहे हैं ताकि किसी भी स्तर पर कोई कमी न रह जाए।”
25 नवंबर को जब डीएस कॉलेज परिसर में एक साथ 451 जोड़े सात फेरे लेंगे, तब यह दृश्य न केवल खीरी, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बनकर उभरेगा—सद्भाव, सामूहिकता और नवजीवन के इस महोत्सव का प्रमाण।
पूरे जिले की निगाहें अब इसी पल का इंतज़ार कर रही हैं, जब खुशियों का यह महाकुंभ अपनी पवित्रता और भव्यता के साथ साकार होगा।