
जौनपुर। गोंडा जिले में तैनात सहायक अध्यापक विपिन का शव मंगलवार की देर रात मल्हनी स्थित घर पहुंचा तो परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। परिजनों का आरोप था कि विपिन को अनावश्यक दबाव और प्रताड़ना दी गई, जिसके चलते उसकी मौत हुई। इस दौरान पुलिस फोर्स लगातार तैनात रही।
लगभग तीन घंटे तक जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच चली वार्ता और आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी। इसके बाद रामघाट पर अंतिम संस्कार किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव ललई मृतक विपिन के घर पहुंचे। उन्होंने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच हो, जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने मांग की कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए और उसे जिस पद पर तैनात किया गया था उससे उच्च पद पर किसी भी विभाग में नौकरी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार एसआईआर के जरिए लोगों का मताधिकार छीनने पर उतारू है और इस प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, जो गलत है। एसआईआर प्रक्रिया को मार्च तक का समय देकर पूरा कराया जाए ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय राय ने भी परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि एसएआर/एसआईआर प्रक्रिया के भारी दबाव के कारण देशभर में अब तक 19 बीएलओ की मौत हो चुकी है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने, परिजनों को नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की।
इस दौरान सपा नेता लालचंद यादव लाले, सपा मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित यादव, जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य, शिक्षक नेता डॉ. अतुल प्रकाश यादव और रणजय यादव ने भी परिजनों को सांत्वना दी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सतबीर सिंह और क्षेत्राधिकारी देवेश कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घर पर डटे रहे। करीब तीन घंटे की वार्ता के बाद परिजन अधिकारियों के आश्वासन से सहमत हुए और अंतिम संस्कार की अनुमति दी गई।
क्षेत्राधिकारी देवेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना सरायख्वाजा थाना क्षेत्र की नहीं है, फिर भी मृतक की पत्नी सीमा द्वारा दी गई लिखित तहरीर संबंधित विभाग को भेज दी गई है। मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी।