अमर भारती : कल्याण ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए 29 साल इंतज़ार किया। अपने पिता के हत्यारे को मौत के घाट उतारने के लिए कल्याण ने सुंदरलाल से दोस्ती भी कर ली। बताया जा रहा है कि कल्याण महज 1 माह का था जब उसे पिता की हत्या कर दी गई थी।
गोर्साइंगंज के महुराकला गांव के मजरा रामपुर निवासी 68 वर्षीय सुंदरलाल रावत की बांके से रविवार शाम करीब 8 बजे हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने कल्याण की तलाश शुरू कर दी। सोमवार को पुलिस ने कल्याण को गंगागंज से गिफ्तार कर लिया।
अपने बयान में कल्याण ने कहा कि उसके पिता की 1990 में हत्या कर दी गई थी। जब वह बड़ा हुआ तो अपनी मां से पिता के बारे में पूछा तो पता चला कि उसे पिता रामस्वरूप की हत्या सुंदरलाल रावत ने 1990 में की थी। इस कारण कल्याण ने ये कदम उठाया।
रिपोर्ट-प्रीति शर्मा
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