अमर भारती : आज के समय में बीमारीयां भी कई प्रकार की सुनने व देखने को मिलती हैं लेकिन बढ़ती उम्र के साथ कुछ जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं देश में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं काम में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि वह खुद पर भी ध्यान नहीं देती हैं। इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है। महिलाएं खुद को लेकर काफी लापरवाही करती हैं।
महिलाएं अक्सर गर्भावस्था के वक्त भी पौष्टिक खाना नहीं खाती जिससे उनको खून की कमी जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। मां और बच्चे दोनों को कुपोषण का शिकार होना पड़ता हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,22,000 नए मामले सामने आते हैं देश में लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है। बिना काम किए ही जल्दी थकना, जोडों में दर्द की शिकायत, पैरों में सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपने खानपान में लोगों को मछली, अनाज, मशरुम, अंडे, पनीर, दूध, पनीर और संतरे का रस शामिल करना चाहिए।पालक में कैल्शियम, विटमिन ए, विटमिन बी9, विटमिन ई, विटमिन सी, आयरन, फाइबर, बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर को स्वस्थ रखता है। सोयाबीन आयरन और प्रोटीन से युक्त होता है और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में मदद करता है। लाल रंग का चुकंदर आयरन युक्त होता है। यह आपके लाल रक्त कोशिकाओं को ठीक करने के साथ ही और दोबारा सक्रिय बनाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से बचने के उपाय खाने में हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। जैसे- ब्रोकली, फूलगोभी, पालक। बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाएं। तीन वक्त अधिक भोजन करने की बजाए कम मात्रा में पांच बार खाना खाएं। इससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहेगा।