अमर भारती : दिल्ली के डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते अब मरिजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली के अस्पतालों में हर दिन करीब 80 से 90 हजार मरीज बाहर से इलाज के लिए आते हैं।
बताया जा रहा है कि अभी के लिए सभी अस्पतालों में ऑपरेशन भी टालने पर मजबूर हैं। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में करीब 15 से 20 हजार ऑपरेशन प्रतिदिन सभी अस्पतालों को मिलाकर होते हैं। दिल्ली में एम्स के अलावा सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, लोकनायक अस्पताल, डीडीयू, जीटीबी, डॉ. हेडगेवार, बाबा भीमराव आंबेडकर, हिंदूराव, महावीर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का असर रहेगा।
दिल्ली एम्स के आरडीए के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे एम्स में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित होंगे। इसके बाद दोपहर 2 बजे एम्स से ही दिल्ली के सभी रेजीडेंट डॉक्टर संसद की ओर जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में रेजीडेंट डॉक्टरों के अलावा विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राएं भी शामिल होंगे।
एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉ. अमरिंदर ने बताया कि एनएमसी विधेयक में कई ऐसे प्रस्ताव हैं, जोकि चिकित्सीय वर्ग के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इसलिए अगर राज्यसभा में विधेयक पेश होने से पहले सरकार ने उनकी मांगों को नहीं सुना तो आगामी दिनों में इसके काफी नुकसानदायक परिणाम सरकार को देखने को मिल सकते हैं।