अमर भारती : केंद्र सरकार कश्मीर घाटी में अब एक ओर बड़ा फैसला लेने जा रही है जिसके मुताबिक बंद पड़े स्कूलों और मंदिरों को फिर से खोलने पर विचार किया जा सकता है। सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बेंगलुरु में कहा कि हमने घाटी में बंद स्कूलों का सर्वेक्षण करने के लिए समिति बनाई है और उन्हें फिर से खोला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि घाटी में कई साल से 50 हजार मंदिर बंद हैं। इनमें से कई मंदिरों को खत्म कर दिया गया, जबकि कुछ मंदिरों में मूर्तियां क्षतिग्रस्त कर दी गई थी। हमने ऐसे मंदिरों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। इन मंदिरों को फिर से खोला जा सकता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी बेंगलुरु में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
दरअसल 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कई मंदिर तोड़ डाले गए थे। ये वो दौर था जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत होने जा रही थी। देखते ही देखते कश्मीर में आतंकवादियों का गढ़ बन गया। आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को उनके गांव और शहर खाली करने को कह दिए। जब कश्मीरी पंडितों के घाटी से जाते ही देख-रेख के अभाव में ये मंदिर वीरान हो गए।
धीरे-धीरे इन मंदिरों पर असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया। आतंकवादियों ने मंदिरों में मूर्तियां विखंडित कर दी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार उपेक्षित पड़े मंदिरों और स्कूलों की सुध ले रही है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को कहा था कि अगर पाकिस्तान भारत से युद्ध करता है तो दुनिया के नक्शे से उसका नामो-निशान मिट जाएगा। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 ने सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम किया है।