अमर भारती : देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर सीलिंग के कारण चर्चा में आ गई है। बता दें कि इस बार सीलिंग की तलवार जिम, योगा और फिटनेस सेंटरों पर लटक रही है। मॉनिटरिंग कमेटी ने 2008 के बाद बने ऐसे सेंटर्स को बंद करने का आदेश दिया है। दिल्ली जिम एसोसिएशन के अनुसार इस आदेश की जद में राजधानी के लगभग 90 फीसदी जिम आ सकते हैं। जिम एसोसिएशन चैम्बर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री के साथ मिलकर अब इस आदेश के विरोध में बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। इस विषय में अब रविवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस में जिम संचालकों और चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के प्रतिनिधियों की बैठक हो सकती है।
दरअसल जिस तरह कुछ दिन पहले DDA ने मास्टर प्लान में संशोधन करके नोटिफाइड मिक्स लैंड रोड की सड़कों पर बने रेस्टोरेन्ट्स की कट ऑफ डेट 2012 से बढ़ाकर 17 सितंबर 2019 करके उनको सीलिंग से राहत दी गई है, उसी तर्ज पर अब जिम संचालकों भी जिम और फिटनेस सेंटरों की कट ऑफ डेट को 2008 से बढाकर सितंबर 2019 तक करना चाहते है। बृजेश गोयल ने कहा कि पीएम मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट की शुरूआत की थी, यदि ये सभी जिम और योगा सेंटर बंद हो गए तो मोदीजी के फिट इंडिया मूवमेंट पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे आम नागरिकों को भी बहुत नुकसान होगा, क्योंकि ज्यादातर सेंटरों में तीन महीने, छह महीने या एक साल की मेंबरशिप होती है।