अमर भारती : क्रिकेटर से सांसद बने Gautam Gambhir ने कहा कि वे जितने भी कप्तानों के मार्गदर्शन में खेले, उनमें से Anil Kumble सर्वश्रेष्ठ थे। पूर्व लेग स्पिनर Anil Kumble ने मात्र 14 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता की तारीफ करने वाले खिलाड़ियों की कमी नहीं हैं। Gautam Gambhir ने कहा कि वे Anil Kumble के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। पूर्व तेज गेंदबाज RP Singh ने कुछ दिनों पूर्व Anil Kumble की नेतृत्व क्षमता की तारीफ की थी। अब इस कड़ी में पूर्व भारतीय ओपनर Gautam Gambhir का नाम भी शामिल हो गया है। गौतम गंभीर ने कहा कि कप्तान अनिल कुंबले ने उन्हें जैसा आश्वसन दिया था कि उसकी तुलना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘साल 2008 में हमारी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज थी। मैं और वीरेंद्र सहवाग डिनर कर रहे थे, इसी दौरान कप्तान अनिल कुंबले हमारे पास आए और बोले आप दोनों को पूरी सीरीज में ओपनिंग करनी है।
भले ही आप आठों पारियों में खाता भी नहीं खोल पाओ कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैंने अपने पूरे करियर में किसी कप्तान से ऐसे शब्द नहीं सुने थे। इसलिए यदि मुझे किसी के लिए अपनी जान भी देना पड़े तो वे अनिल कुंबले होंगे। उनके वे शब्द अभी भी मेरे दिल में हैं।’ गौतम गंभीर ने उस सीरीज में एक दोहरा शतक लगाया था और उन्होंने उसका श्रेय कप्तान कुंबले के विश्वास को दिया था। गौतम गंभीर का यह भी मानना है कि यदि कुंबले ने लंबे समय तक टीम इंडिया की कमान संभाली होती तो वे कप्तानी के भी कई रिकॉर्ड बनाते। उन्होंने कहा, यदि कुंबले ने सौरव गांगुली, महेंद्रसिंह धोनी या विराट कोहली की तरह लंबी अवधि के लिए भारतीय टीम की कमान संभाली होती तो वे बहुत सफल होते। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका जैसी कठिन सीरीज में कप्तानी संभाली थी। 58 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले गंभीर ने कहा कि यदि कुंबल के समय अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) होती तो वे टेस्ट मैचों में 900 विकेट हासिल करते। युवाओं को रोल मॉडल के रूप में अनिल कुंबले का अनुसरण करना चाहिए।