जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय जयपुर ब्रांच पुराने मामलों की फाइलों को अमलीजामा पहना रही है. खनन घोटाले और जोधपुर शराब दुखा़तिका मामले के बाद अब नर्सिंग घोटाले से जुड़े केस में बड़ा एक्शन लेते हुए मुख्य आरोपी सहित दो गिरप़्तार किया है.
मामले में मुख्य आरोपी इंडियन नर्सिंग काउंसिल के पूर्व सदस्य महेश चंद शर्मा और इनके बेटे मोहित शर्मा को गिरफ्तार किया है.
आर्थिक अपराध न्यायालय ने इन्हें दस दिन तक ईडी की कस्टडी में रखने के निर्देश दिए है. ईडी अब कड़ाई से पूछताछ कर मामले से जुड़े साक्ष्यों की पुष्टि करवाएगी.
वहीं, मुख्य आरोप पर दबिश के दौरान मिले 100 करोड़ रुपए कीमत की प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है.
प्रवर्तन निदेशालय की जयपुर टीम ने स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग ट्यूटर पद पर कार्यरत रहे भ्रष्ट्राचार महेश चंद शर्मा और उसके परिजनों पर शिंकजा कर दिया है. मुख्य आरोपी सहित दो को गिरप्ऊ्तार कर पूछताछ जारी है.
कुछ दिन पहले ही जयपुर, करौली और टोंक में कृषि भूमि तथा 31 प्लॉट और फ्लैट को अटैच किए थे. अब तक 14 करोड़ 60 लाख की अवैध संपत्ति अटैच की जा चुकी है.
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महेश शर्मा को एसीबी ने एक नर्सिंग इंस्टीट्यूट का नाम इंडियन नर्सिंग काउंसिल की वेबसाइट पर जोड़ने के नाम पर 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.
ईडी अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई. एसीबी जांच में पता चला था कि महेश चंद शर्मा के पास 10.60 करोड़ रुपए की संपत्तियां हैं, जो उसकी ज्ञात आय की तुलना में 500 फीसदी अधिक हैं.
एसीबी ने इस राशि को अनैतिक साधनों से अर्जित आय मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.
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अब प्रवर्तन की जांच में आय से अधिक कमाई हुई नई संपत्तियों और भूखंडों की जानकारी सामने आई है. चौंकाने वाली बात यह है कि आर्थिक अपराधों में पूरा परीवार भागीदार है.
चार्जशीट दायर किए जाने के बाद ईडी लगातार महेश चंद शर्मा की संपत्तियां अटैच कर रहा था. महेश शर्मा ने अवैधानिक रूप से अर्जित आय से पत्नी, पुत्र और परिजनों के नाम संपत्तियां खरीदी हैं.
14 सितंबर तक ईडी जब्त दस्तावेजों और अनैतिक आय के सबूतों के आधार पर पूछताछ करेगी. मामले में नया अटैचमेंट चार करोड़ रुपए का है, वहीं सौ करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी जांच के दायरे में है.