नई दिल्ली। हाल ही में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने वाली केंद्र सरकार ने अब असम के राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरांग नेशनल पार्क करने का फैसला लिया है।
चाय जनजाति और आदिवासियों समुदायों की मांगों पर बदला राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम
असम सरकार ने राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलने का फैसला लिया है, जिसके बाद उसे ओरांग नेशनल पार्क का नाम दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि चाय जनजाति और आदिवासियों समुदायों की मांगों को मद्देनजर रखते हुए ये फैसला किया गया है।
मंत्री पीजूष हजारिका ने कैबिनेट मीटिंग में लिया फैसला
असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने नेशनल पार्क से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाने का फैसला लिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसको लेकर फैसला किया गया। असम सरकार के प्रवक्ता और जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया है कि चाय जनजाति और आदिवासियों समुदायओं की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरांग नेशनल पार्क रखने का फैसला किया है।
ओरांग नेशनल पार्क का इतिहास
79.28 वर्ग किमी के दायरे में फैले इस पार्क को 1999 में नेशनल पार्क और 1985 में वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी का दर्जा दिया गया था। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित इस पार्क को रॉयल बंगाल, पिग्मी हॉग टाइगर, इंडियन राइनो, और जंगली हाथियों के नाम से भी जाना जाता है।
इससे पहले खेल रत्न अवार्ड से हटाया गया था नाम
इससे पहले भी खेल रत्न पुरस्कार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम हटाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि,” मुझे पूरे भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया था।” अब इसके बाद फिर से राजीव गांधी का नाम असम के नेशनल पार्क से हटाने का फैसला ले लिया गया है।