एक दशक से भी ज्यादा समय से था भूमाफियाओं का अवैध कब्जा
26 फरवरी को अमर भारती ने प्रकाशित की थी खबर, 27 को कब्जा खाली कराने का हुआ था आदेश
लखनऊ। अमर भारती की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है। बीते फरवरी की 26 तारीख को अमर भारती ने लखनऊ के गोमती नगर में विनय खंड 5 में भू माफियाओं के द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण की लगभग 50000 स्क्वायर फीट जमीन कब्जा होने की खबर प्रकाशित की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने 4 मार्च को प्राधिकरण की जमीन से भू माफियाओं के कब्जे को उखाड़ फेंका।
एलडीए सचिव ने दिए आदेश
खबर पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने 27 फरवरी को ही एलडीए के जमीन से अवैध कब्जे को हटाने के आदेश दिए थे। बृहस्पतिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन और अर्जन विभाग के कर्मचारियों ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्राधिकरण की बेहद ही कीमती जमीन को कब्जा मुक्त कराया।
कहीं गैराज तो कहीं कबाड़ी का था कब्ज़ा
बता दे कि विनय खंड 5 गोमती नगर टीसीआई सेंटर लखनऊ में ग्राम बेलहा के जवाहर लाल, राम सनेही और मिथिलेश कुमारी ने खसरा नंबर 533 के दो बिस्वा जो माननीय न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या 6277 (M/B) 2011 में यथा स्थिति को बनाये रखने का आदेश दिया था जो कि लगभग 2 बिस्वा थी। दो बिस्वा का चिन्हांकन भी दिनांक 4/12/2019 को तहसील सदर लखनऊ और लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चुका है। न्यायालय के दो बिस्वा के आदेश का दुरूपयोग करते हुए राम सनेही जवाहर लाल तथा मिथिलेश कुमारी ने प्राधिकरण के करीब 3200-3200 के 15 से 16 प्लाट पर अवैध कब्ज़ा कर किराए पर तीन गैराज बनाकर किराये पर दिए है तथा दो कबाडी वालो को भी किराय पर दे रखा है। जिससे इनको हर एक किरायदार से 6000 रूपए किराय मिलता है इसके अतिरिक्त 15 से 20 झुग्गी झोपडी वालो को भी बसा रखा है। प्रत्येक झुग्गी वालो से 1200 रूपए किराया लेता है इन्हीं प्लॉटों को घोसियों को किराए पर दे रखा है। इससे इनको करीब 50 से 60 हज़ार मासिक किराया मिलता था।