नई दिल्ली। मानवरहित विमान से नांगरहार में ISIS-K के ठिकाने पर अमेरिकी सेना ने किए हवाई हमले । दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने काबुल ब्लास्ट के साजिशकर्ता को भी ढेर कर गिराया हैं । अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा हैं काबुल ब्लास्ट के जवाब में अमेरिकी सेना ने IS आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक शुरुकर दी है। सुत्रों के अनुसार मानवरहित विमान से नांगरहार में ISIS-K के ठिकाने पर अमेरिकी सेना ने हवाई हमले किए हैं। दावा है कि अमेरिकी सेना ने काबुल ब्लास्ट के साजिशकर्ता को भीढेर कर गिराया है।
फिर से हो सकता है एयरपोर्ट पर आतंकी हमला
अमेरिका को आशंका है कि काबुल एयरपोर्ट पर फिर से आतंकी हमला हो सकता है एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट से लोगों को हटने के लिए कहा है. पेंटागन की ओर से दावा किया गया है कि तय टारगेट को ध्वस्त कर दिया गया है. ISIS-K के ठिकाने पर ड्रोन अटैक किया गया था ।
13 अमेरिकी सैनिकों की मौत का बदला
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को एयरपोर्ट के बाहर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। आतंकवादी संगठन ISIS-K ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी भी ली थी. हालांकि 48 घंटे के अंदर अमेरिका ने बदला ले लिया है. वहीं, तालिबान ने अमेरिका की इस कार्रवाई से किमार कस लि है ।
48 घंटे के अंदर अमेरिका ने बदला
US Central Command के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ योजना के तहत ड्रोन हमला किया है. ISIS-K के खिलाफ 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की गई है। इसमें किसी नागरिक के हताहत होने की जानकारी नहीं है। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट कह दिया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला करने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा ।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट शबदो में कहा नहीं थामेंगे चुपी
काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिका ने कहा था कि हम इस हमले के जिम्मेदार लोगों को माफी नहीं देंगे और देंगे मुह जावाब । राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका इसका बदला जारुर लेगी । इसकी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, अभी भी अमेरिका के पास काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का कोई सबूत नहीं है।
तालिबान ने दी अमेरिका को धमकी, कहा 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना को हटाए
बताया जा रहा है कि तालिबान ने अमेरिका को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना को हटाने के लिए कहा है। यही नहीं जिन अमेरिका सैनिकों को अफगानी लोगों को निकालने के लिए भेजा गया था, उनको भी 31 अगस्त तक अमेरिका को निकालने के लिए प्लान बनाना होगा। तालिबान की ये धमकी तब आई थी, जब एक तरफ वो दुनिया के देशो को सुरक्षा देने की बात कर रहा था और सभी से अपनी एम्बेसी को चालू रखने को केह रहा था।