एक बार फिर आतंकी संगठन की नज़र भारत पर

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों के बाद दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में एक्यूआईएस, आईएसकेपी और हक्कानी नेटवर्क की तिकड़ी से खतरे का खुफिया अलर्ट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस आईएसकेपी अलकायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट एक्यूआईएस और हक्कानी नेटवर्क से सतर्क रहने की जरूरत है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान आधारित इन संगठनों की तिकड़ी देश में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में जुटी है। पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई इनके साथ मिलकर साजिश रच रही है।

आतंकियों के निशाने पे है आर्मी की फॉरवर्ड पोस्ट

अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात और आईएसआई के विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ उसकी बढ़ती नजदीकी के मद्देनजर देश की तमाम खुफिया इकाइयां इस वक्त उस तरफ पैनी नजर रखे हुए हैं। खुफिया इकाइयों को पता चला है कि आतंकी संगठनों जरिए आईएसआई नापाक साजिश रच रही है। लड़ाकों के निशाने पर महत्वपूर्ण सिक्योरिटी इंस्टॉलेशन और आर्मी की फॉरवर्ड पोस्ट हैं। इसके अलावा आतंकी जवानों को भी निशाना बना सकते हैं। यह खुफिया अलर्ट देश की सीमा सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों समेत तमाम दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को भेजा गया है।

मैसेजिंग ऐप के जरिए संपर्क कर रहे

सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी संगठनों की मैसेजिंग एप के जरिए अपने लड़को के संपर्क में है। इसका मकसद सुरक्षा एजेंसियों की नजरों में आने से बचना है।

एक्यूआईएस स्लीपर सेल की मदद से नौजवानों की भर्ती करता है

एक्यूआईएस, यानी अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट। यह संगठन कोर अलकायदा से अलग तरीके से काम करता है। इसकी स्थापना पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास की गई थी। यह संगठन विभिन्न देशों में स्लीपर सेल की मदद से स्थानीय नेटवर्क के जरिए संगठन में नौजवानों की भर्ती करता है। इसके कुछ आतंकी सीरिया भी भेजे गए हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस संगठन को आईएसआई का पूरा सहयोग है।

आईएसकेपी को आईएसआईएस-के नाम से भी जाना जाता है

इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस आईएसकेपी इस्लामिक स्टेट आईएस का ही एक रूप है। खुफिया इकाइयों की मानें तो इस संगठन में अधिकतर पाकिस्तानी शामिल हैं। इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस आईएसकेपी को आईएसआईएस-के नाम से भी जाना जाता है। इसके पास 1500 से 2200 आतंकी लड़ाके होने का अनुमान है। इसकी स्थापना भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास की गई थी।

तकनीकी रूप से माहिर हैं हक्कानी नेटवर्क के लड़ाके

हक्कानी नेटवर्क के पास बड़े हमलों को अंजाम देने वाले कुशल लड़ाके हैं। ये लड़ाके तकनीकी रूप से माहिर हैं और एक्सप्लोसिव डिवाइस व रॉकेट बनाने में सक्षम हैं। अलकायदा के साथ इस संगठन के रिश्ते अच्छे हैं। इस संगठन के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह क्षेत्रीय और विदेशी चरमपंथी संगठनों से पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय आतंकी सगठनों के साथ मेलजोल में बड़ी भूमिका निभाता है।

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