गोरखनाथ समुदायों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने लिया फैसला
नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के अंदर गुरु गोरखनाथ के शिष्यों के भावाओं को आहत करने वाले शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद अब गोरखधंधा शब्द बोलने, लिखने या पढ़ने पर रोक लगी रहेगी। दरअसल हरियाणा की खट्टर सरकार ने यह फैसला बुधवार को गोरखनाथ समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद लिया। उनकी मांग थी की इन शब्दों से उनकी भावनाएं आहत होती हैं।
गुरु गोरखनाथ के शिष्यों ने की थी मांग
गुरू गोरखनाथ के अनुयायियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की थी कि अनैतिक प्रथाओं का ज़िक्र करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस शब्द गोरखधंधे से उनको ठेस पहुँचति हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के शब्द अनुचित हैं और इस शब्द के नकारात्मक अर्थ निकालने से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
योगी आदित्यनाथ भी है गुरू गोरखनाथ के अनुयायी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुरू गोरखनाथ के अनुयायाी माने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ संपूर्ण भारतभर के नाथ संप्रदाय के साधुओं के प्रमुख महंत हैं।
कहां से आया गोरखधंधा शब्द?
नाथ संप्रदाय को मानने वालों के अनुसार, गोरखधंधा शब्द योगी गुरु गोरखनाथ की योग साधना से जुड़ा हुआ शब्द है। योगी गोरखनाथ नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध योगी थे। गुरु गोरखनाथ ने योग की अलग-अलग कठिन साधनाएं व आसन भी दिए हैं। कठिन साधनाओं को उस समय गोरखधंधा नाम से बोला जाता था। धीरे-धीरे इस शब्द का इस्तेमाल गलत कामों को परिभाषित करने के लिए होने लगा। गुरु गोरखनाथ ने भारत समेत नेपाल, भूटान, तिब्बत आदि देशों में नाथ मठों की स्थापना की थी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी सांसद बाबा बालकनाथ भी गोरखनाथ संप्रदाय से ही संबंधित हैं।